कस्टडी में मरे सफ़ाईकर्मी के घर वालों से मिलने आगरा जाने को अड़ीं प्रियंका तो घुटनों पर आयी योगी सरकार!

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आगरा में 19 अक्टूबर को पुलिस हिरासत में एक सफाईकर्मी की मौत के बाद उसके परिवार से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया। ख़़बर लिखे जाने तक प्रियंका मृतक के परिजनों से मिलने आगरा निकल चुकी थीं।

इससे पहले प्रियंका के काफिले को आगरा एक्सप्रेस वे के एंट्री पॉइंट पर पुलिस ने रोक लिया था, लेकिन प्रियंका आगरा जाने के लिए अड़ गई थी। यह दूसरी बार है जब प्रियंका को हिरासत में लिया गया है। पहले लखीमपुर हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने जाने से रोकते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा: प्रियंका गांधी

प्रियंका ने अपनी गिरफ्तारी की जानकारी ट्वीट कर दी थी। साथ ही प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।

क्या हर जगह जाने के लिए मुझे यूपी सरकार से इजाज़त लेनी पड़ेगी: प्रियंका गांधी

वहीं मामले पर यूपी पुलिस ने कहा है कि हमने प्रियंका गांधी को इसलिए रोका है क्योकि उनके पास अनुमति नहीं है। उधर, प्रियंका गांधी को पुलिस हिरासत में लेने के बाद प्रियंका ने मीडिया सेे कहा कि क्या यूपी में हर जगह जाने के लिए मुझे यूपी सरकार से इजाज़त लेनी पड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि क्या आगरा जाने से कोई दिक्कत है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि अगर किसी की मौत हुई है तो लॉ एन ऑर्डर का इश्यू कैसे हो सकता है। ये तो हद हो गई है कि मैं कहीं नहीं जा सकती। यह यूपी सरकार की  एक तरह की तानाशाही है।

पोस्टमार्टम हाउस पर परिवार को सांत्वना देने पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष से लोगों का विवाद…

बता दें कि इससे पहले वाल्मीकि की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर परिवार को सांत्वना देने पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू से लोगों का विवाद हो गया। आरोप है कि लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इसी कड़ी में ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।

क्या था पूरा मामला..

आगरा के थाना जगदीशपुरा में मालखाने से 17 अक्तूबर को 25 लाख रुपये गायब हुए थे। 25 लाख रुपये नकद चोरी के मामले में स्थानीय पुलिस ने सफाई कर्मी अरुण कुमार को गिरफ्तार किया था। मंगलवार देर रात उसकी तबीयत खराब हुई और मौत हो गई। एसएसपी आगरा जी मुनिराज का दावा है कि उससे पूछताछ की गई और उसने अपना अपराध कबूल कर लिया, लेकिन बाद में पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद शहर में माहौल गर्मा गया है। पोस्टमार्टम हाउस पर वाल्मीकि समाज के लोग सुबह से एकत्र हैं। अरुण का परिवार पुलिस पर बेईमानी का आरोप लगा रहा है और हिरासत में प्रताड़ना से मौत की शिकायत दर्ज कराई है।


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