23 मार्च का दिन उन आम दिनों की तरह ही शुरू हुआ, जब सुबह के वक्त राजनैतिक बंदियों को उनकी कोठरियों से बाहर निकाला जाता था। आम तौर पर वे सारा दिन बाहर…
मीडिया संस्थानों में परदे के पीछे कैसे-कैसे खेल चलते रहते हैं, इसका अंदाज़ा वहां काम कर रहे पत्रकारों को भी नहीं होता। कौन अचानक कैसे किसी चैनल का प्रमुख बन जाता है और…
महात्मा गाँधी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस को विध्वंसक बताते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि गाँधी जी की हत्या के बाद आरएसएस ने मिठाई…
पंकज श्रीवास्तव दिल्ली की एक अदालत ने योग-व्यापारी बाबा रामदेव के जीवन से जुड़ी किताब ‘गॉडमैन टू टायूकन’ की सोशल मीडिया चर्चा पर भी प्रतिबंधित लगा दिया है। इससे पहले 4 अगस्त…
हाल ही में कुछ प्राचीन पाण्डुलिपियो ं की कार्बनडेटिंग से यह बात साबित हुई है कि ज़ीरो (0) का आविष्कार आर्यभट से काफ़ी पहले हो गया था। यानी शून्य की जानकारी ईसा की तीसरी…
प्रेम प्रकाश कारें और जीपें तो हज़ार देखी होगी आपने, पर ये जीप नही देखी होगी। कभी नही देखी होगी। लेकिन ठीक है, नही देखी तो नही देखी, ऐसा क्या खास है इस…
गौरी लंकेश को लेकर एक ही बात फिलहाल मेरे दिमाग में बार-बार गूंज रही है। वह है गरिमा… अद्भुत गरिमा! गौरी लंकेश अगर आज खुद के लिए लिखी गई सारी श्रद्धांजलियां और प्रशंसात्मक…
गौरी लंकेश का पूरा नाम गौरी लंकेश पैट्रिक है, यानी वह ईसाई थी -सोशल मीडिया के वीर बालक इस अभियान को ज़ोर शोर से चला रहे थे कि उन्हें हर तरफ़ से डाँट…
गौरी लंकेश कर्नाटक ही नहीं, देश की एक मुखर आवाज़ थीं। अन्याय के किसी भी प्रकार के ख़िलाफ़ उनकी सक्रियता देखी जा सकती थी। देश के मानस को सांप्रदायिक आधार पर विभाजि…
शिक्षक दिवस पर विशेष मशहूर इतिहासकार और मार्क्सवादी चिंतक प्रो.लालबहादुर वर्मा , छह साल पहले ‘अन्ना आंदोलन’ के दौरान रामलीला मैदान में एक पर्चा बाँटते घूम रहे थे। तब उनकी उम्र 74…
अभिषेक श्रीवास्तव बीते पंद्रह साल चले यौन शोषण के लंबे मुकदमे के बाद गुरमीत राम रहीम सिंह को अगले बीस साल के लिए जेल भेज दिया गया है। अभी दो मुकदमों में…
आशाराम को आजीवन क़ैद की सज़ा हो गई। वह इतने लंबे समय तक भक्ति और धर्म के नाम पर कुकर्म करता रहा क्योंकि राजनेताओं से लेकर बड़े-बड़े संपादक तक उसके चरणों में लोटते…
पंकज श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी सरकार ने मदरसों के लिए स्वतंत्रता दिवस मनाने, राष्ट्रगान गाने और उसकी वीडियग्राफ़ी कराने का निर्देश दिया। इस आदेश से यह ध्वनि निकलती…
विनीत तिवारी रात जब सुबह में बदल रही होती है और धीरे-धीरे आपके आसपास की चीजें अपना काला लिबास छोड़ अपना स्पष्ट आकार और रंग ग्रहण करती हैं, तो वो अनुभव हो चुकी…
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का वह भाषण जिसे भारत के संघीय ढाँचे के सिद्धांतों का नग्न उल्लंघन करते हुए स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर आकाशवाणी और दूरदर्शन ने प्रसारित करने से इंकार…
शाह आलम / बदरका (उन्नाव) से लौटकर “बदरका की भूमि वह पवित्र भूमि है जिसकी बराबरी हम काबा-काशी से नहीं कर सकते। यहां तो गरीबी में लिपटे चन्द्रशेखर आजाद ने जन्म लेकर सारे…
अगस्त क्रांति दिवस पर विशेष– आज 9 अगस्त है। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ। 1942 को इस दिन उठे करो या मरो के तुमुल कोलाहल ने अंग्रेज़ों को आख़िरी चेतावनी दे दी…
मशहूर चिंतक कँवल भारती ने 31 जुलाई, 2016 को प्रेमचंद जयंती के मौके पर जनसत्ता अपार्टमेंट, वसुंधरा, गाजियाबाद में जन संस्कृति मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘मशाल-ए-प्रेमचंद’ में एक अहम भाषण दिया…
पंकज श्रीवास्तव तो सुशासन बाबू ने वही किया जिसके बारे में काफ़ी दिनों से चर्चा चल रही थी। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविद का समर्थन कोई ‘अलग-थलग परिघटना’ नहीं थी…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने माँग की है कि एनसीईआरटी की किताबों से टैगोर, ग़ालिब और क्रांतिकारी कवि पाश के विचारों और रचनाओं को हटाया जाए। लट्ठपाणियों से…
इस तस्वीर में समाजवादी पुरोधा डॉ.राममनोहर लोहिया और आरएसएस के सरसंघचालक गुरु गोलवलकर एक दूसरे का हाथ थामे हुए हैं। ख़ुद को ‘कुजात गाँधीवादी’ कहने वाले डॉ.लोहिया काँग्रेस को हराने के लिए ‘शैतान’…
भाऊ कहिन-19 यह तस्वीर भाऊ की है…भाऊ यानी राघवेंद्र दुबे। वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे को लखनऊ,गोरखपुर, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसी नाम से जाना जाता है। भाऊ ने पत्रकारिता में लंबा समय बिताया…
भाऊ कहिन-18 यह तस्वीर भाऊ की है…भाऊ यानी राघवेंद्र दुबे। वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे को लखनऊ,गोरखपुर, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसी नाम से जाना जाता है। भाऊ ने पत्रकारिता में लंबा समय बिताया…
1931 का जन-विद्रोह : मिलना आवाज़ बेज़ुबानो को (अशोक कुमार पाण्डेय) कश्मीर मे डोगरा शासन के दौर मे भयानक उपेक्षा और शोषण से पीड़ित जन तीस का दशक आते-आते अपने गुस्से के साथ…
पंकज श्रीवास्तव क्या आप जानते हैं कि मशहूर पत्रकार अजित साही की ज़िदगी एक ईसाई पादरी की ‘साज़िश’ का शिकार हुई है। ऐसी साज़िश जिसने अजित साही को आज तक बेचैन कर रखा…