त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का वह भाषण जिसे भारत के संघीय ढाँचे के सिद्धांतों का नग्न उल्लंघन करते हुए स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर आकाशवाणी और दूरदर्शन ने प्रसारित करने से इंकार…
शाह आलम / बदरका (उन्नाव) से लौटकर “बदरका की भूमि वह पवित्र भूमि है जिसकी बराबरी हम काबा-काशी से नहीं कर सकते। यहां तो गरीबी में लिपटे चन्द्रशेखर आजाद ने जन्म लेकर सारे…
अगस्त क्रांति दिवस पर विशेष– आज 9 अगस्त है। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ। 1942 को इस दिन उठे करो या मरो के तुमुल कोलाहल ने अंग्रेज़ों को आख़िरी चेतावनी दे दी…
मशहूर चिंतक कँवल भारती ने 31 जुलाई, 2016 को प्रेमचंद जयंती के मौके पर जनसत्ता अपार्टमेंट, वसुंधरा, गाजियाबाद में जन संस्कृति मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘मशाल-ए-प्रेमचंद’ में एक अहम भाषण दिया…
पंकज श्रीवास्तव तो सुशासन बाबू ने वही किया जिसके बारे में काफ़ी दिनों से चर्चा चल रही थी। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविद का समर्थन कोई ‘अलग-थलग परिघटना’ नहीं थी…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने माँग की है कि एनसीईआरटी की किताबों से टैगोर, ग़ालिब और क्रांतिकारी कवि पाश के विचारों और रचनाओं को हटाया जाए। लट्ठपाणियों से…
इस तस्वीर में समाजवादी पुरोधा डॉ.राममनोहर लोहिया और आरएसएस के सरसंघचालक गुरु गोलवलकर एक दूसरे का हाथ थामे हुए हैं। ख़ुद को ‘कुजात गाँधीवादी’ कहने वाले डॉ.लोहिया काँग्रेस को हराने के लिए ‘शैतान’…
भाऊ कहिन-19 यह तस्वीर भाऊ की है…भाऊ यानी राघवेंद्र दुबे। वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे को लखनऊ,गोरखपुर, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसी नाम से जाना जाता है। भाऊ ने पत्रकारिता में लंबा समय बिताया…
भाऊ कहिन-18 यह तस्वीर भाऊ की है…भाऊ यानी राघवेंद्र दुबे। वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे को लखनऊ,गोरखपुर, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसी नाम से जाना जाता है। भाऊ ने पत्रकारिता में लंबा समय बिताया…
1931 का जन-विद्रोह : मिलना आवाज़ बेज़ुबानो को (अशोक कुमार पाण्डेय) कश्मीर मे डोगरा शासन के दौर मे भयानक उपेक्षा और शोषण से पीड़ित जन तीस का दशक आते-आते अपने गुस्से के साथ…
पंकज श्रीवास्तव क्या आप जानते हैं कि मशहूर पत्रकार अजित साही की ज़िदगी एक ईसाई पादरी की ‘साज़िश’ का शिकार हुई है। ऐसी साज़िश जिसने अजित साही को आज तक बेचैन कर रखा…
भाऊ कहिन-17 यह तस्वीर भाऊ की है…भाऊ यानी राघवेंद्र दुबे। वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे को लखनऊ,गोरखपुर, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसी नाम से जाना जाता है। भाऊ ने पत्रकारिता में लंबा समय बिताया…
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अशोक कुमार पाण्डेय 1. 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में आतंकवाद के चरम के समय बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन किया. पहला तथ्य संख्या को लेकर. कश्मीरी…
भाऊ कहिन-14 यह तस्वीर भाऊ की है…भाऊ यानी राघवेंद्र दुबे। वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे को लखनऊ,गोरखपुर, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसी नाम से जाना जाता है। भाऊ ने पत्रकारिता में लंबा समय बिताया…
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आपातकाल की याद -1 राष्ट्रपति के नाम प्रधानमंत्री का अत्यंत गोपनीय पत्र (यह पत्र राष्ट्रपति कार्यालय की फाइल में मिला) प्रधानमंत्री, भारत सरकार नयी दिल्ली, 25 जून 1975 आदरणीय राष्ट्रपति जी, जैसा…
भाऊ कहिन-6 यह तस्वीर भाऊ की है…भाऊ यानी राघवेंद्र दुबे। वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे को लखनऊ,गोरखपुर, दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसी नाम से जाना जाता है। भाऊ ने पत्रकारिता में लंबा…