महाराष्ट्र : जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 80% सैंपल में मिला कोरोना का डेल्टा वैरिएंट!

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कोरोना के मामले अब भारत के कई राज्यों में कम हो गए हैं। लेकिन अभी भी कई राज्य ऐसे है, जहां मामले दूसरे राज्यों की तुलना में चरम पर हैं। भारत के 5 राज्य केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में नए मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं। केरल के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जो अभी भी महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं। यहां सबसे ज्यादा डेल्टा वैरिएंट के मामले सामने आ रहे है। इसी बीच जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 80 % सैंपल में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के किसी भी मरीज का अभी इलाज नहीं..

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक राज्य में अब तक कुल 76 मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है, इसमें से पांच मरीजों की मौत हो चुकी है। बता दें कि इनमे मौत के कुछ ऐसे मामले भी शामिल हैं जिन्होंने वैक्सिनेशन कराया था लेकिन डेल्टा वैरिएंट इतना आक्रामक है की यह टीका लगे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। फिलहाल महाराष्ट्र में अभी डेल्टा प्लस वैरिएंट से पीड़ित किसी भी मरीज का इलाज नहीं चल रहा है।

1 दिन में 10 मरीजों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि..

हर पंद्रह दिनों में 15 सैंपल महाराष्ट्र में पांच लैबोरेटरी और पांच अस्पतालों से जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजते हैं। भेजे गए इन्हीं सैंपल में से सोमवार को इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने 10 मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि की है। इनमें से छह कोल्हापुर के, तीन रत्नागिरी के और एक सिंधुगढ़ जिले के मरीज हैं। कोरोना के इस डेल्टा स्वरूप ने दुनिया भर के कई देशों में अपने पैर जमा लिए हैं। अब तक 132 देशों से इसके मामले सामने आ चुके हैं। बच्चो पर भी इस स्वरूप ने खासा असर दिखाया है। कुछ दिन पहले अमेरिका और ब्रिटेन में डेल्टा से संक्रमित बच्चों की संख्या बड़ी है।


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