लोकसभा में सरकार ने कहा- देश में NRC लागू करने पर अभी फैसला नहीं, CAA नियमों को अधिसूचित करना बाकी!

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दिल्ली Published On :


देश में NRC लागू होने को लेकर केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। केंद्र की ओर से लोकसभा में एक लिखित जवाब के जरिए यह जानकारी दी गई है। केंद्र की ओर से लोकसभा में बताया गया है कि देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया गया है। वहीं, CAA पर कहा गया कि नियम लागू होने के बाद कानून के दायरे में आने वाले लोग नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।

CAA का अधिसूचित होना अभी बाकी..

बता दें कि लंबे समय से सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध चल रहा है। कोरोना के देश में आने पहले इसे लेकर आंदोलन भी चल रहे थे, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों से आंदोलन शांत हो गया, पर अब जब किसानों के लंबे आंदोलन के बाद कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है तो सीएए को वापस लेने और NRC के खिलाफ भी विरोध में तेज़ी देखी जा रही हैं। वहीं, शीतकालीन सत्र के दौरान, गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा है कि सीएए को 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित किया गया था और यह 10 जनवरी 2020 को लागू हुआ था, लेकिन इसके नियम बनाने में समय लगेगा। और इनका अधिसूचित होना अभी बाकी है।

नियम लागू होने के बाद सीएए के दायरे में आने वाला कोई भी व्यक्ति नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। आपको बता दें कि गैर-भाजपा शासित राज्य लंबे समय से सीएए और एनआरसी को लागू करने का विरोध कर रहे हैं। यहां तक ​​कि एनडीए समर्थित नीतीश सरकार ने भी बिहार में एनआरसी को लागू नहीं करने पर बयान दिया था। इसके अलावा बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान समेत अन्य राज्यों ने एनआरसी को लागू करने से इनकार कर दिया है।

क्या है CAA, NCR, क्यों हो रहा विरोध?

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 में बनाया गया था। इस कानून में तीन पड़ोसी देशों बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इन देशों में हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यक हैं। इसलिए भारत में पांच साल पूरे कर चुके ऐसे शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इस कानून में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है जिसके कारण इसका विरोध हो रहा है। वहीं, सरकार ने अवैध घुसपैठ को रोकने के नाम पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने का भी फैसला किया था। जिससे इन दोनो कानूनों के खिलाफ विरोध और तेज़ हुआ।