"मुझे पता था कि, मैं आग से खेल रहा हूं। मैंने जोखिम उठाया है और अगर मुझे आज़ाद कर दिया गया, तो भी मैं वही करूँगा, जो पहले कर चुका हूं। मैं हिंसा…
दलितों के राम निर्गुण राम हैं. निर्गुण का अर्थ ही होता है गुणरहित. गुण के लिए देह चाहिए. देह के साथ ही गुण हो सकता है. इसलिए दलितों के राम कबीर और रैदास…
जिन राज्यों में केस बढ़ रहे हैं, उन्हें खास उपाय करते हुए तीसरी लहर की किसी भी आशंका को रोकना होगा। लेकिन यूपी में क्या कोई आशंका नहीं है, वहां नए मामले नहीं आ रहे…
सर्वोच्च न्यायालय को कई मुख्य न्यायाधीशों के बाद रमना के रूप में एक साहसी और स्वतंत्र नेतृत्व मिला है। वे आसानी से देख सकते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय से महज 25-30 किलोमीटर दूर…
नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 59,853 मामले हुए और बाल यौन शोषण के 7444 मामले दर्ज हुए। दोनों ही मामले देश…
‘सोवियत संघ क्यों बिखरा? सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी खंड-खंड क्यों हो गई? इसका महत्त्वपूर्ण कारण विचारधारात्मक क्षेत्र में छिपा है। वहां सोवियत यूनियन के ऐतिहासिक अनुभव का पूरी तरह से परित्याग करने की होड़…
"धारा 124A, भारतीय दंड संहिता, का ही उदाहरण लें, इस प्राविधान के बारे में जहां तक मैं समझता हूं, यह धारा न केवल आपत्तिजनक है बल्कि अप्रिय भी है। अतः व्यवहारिक और ऐतिहासिक…
दक्षिण अफ्रीका में सदियों से रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे नेल्सन रोलीह्लला मंडेला (18 जुलाई1918– 5 दिसम्बर 2013) ने 27…
कल महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन था। दिल्ली में भी हुआ लेकिन उसकी खबर सिर्फ टेलीग्राफ में है। इसी तरह, पूर्व नौकरशाहों के संगठन कांस्टीट्यूशनल कंडक्ट ने एक खुला पत्र लिखा है।…
आज द टेलीग्राफ में पहले पन्ने पर विज्ञापन नहीं है और चार बड़ी खबरें, एक फोटो तथा सिंगल कॉलम में कुछ नियमित कॉलम के अलावा तीन छोटी-छोटी खबरें ये बताने के लिए हैं…
पर्सनल कानून की समस्या केवल मुसलमानों में ही नही है बल्कि यह सभी समाजो में है। हाईकोर्ट के जिस मुक़दमे का जिक्र किया गया है वह मीणा समाज का है जो आदिवासी तो…
उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति और उत्तर प्रदेश चुनाव में हिंसा की खबरें आज दिल्ली के अखबारों में प्रमुखता से नहीं हैं। जनसंख्या नीति की खबर सिर्फ द हिन्दू में लीड है।…
आज हम देखते हैं कि पूरे अरब और अफ़्रीका से दासप्रथा करीब करीब खत्म हो गई है। यूरोप और अमेरिका के गुलामों ने भी लड़कर और विशेष सुधारों के ज़रिए आज अपनी स्थिति…
आज टाइम्स ऑफ इंडिया में पहले पन्ने पर छपी एक खबर के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली में 354 किलो हेरोइन बरामद हुई है। यह खबर इतनी प्रमुखता से किसी और अखबार में…
यह देखना दिलचस्प होगा कि आज जो हजारों लेख और लाखों सन्देश स्टैन के समर्थन में गूँज रहे हैं, उनमें से कितने उन आदिवासी मुद्दों की प्रासंगिकता को उसी नजरिये से रेखांकित कर…
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अखबारों ने ट्वीटर के मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दे रखा है। भीमा कोरेगांव मामले में मालवेयर के जरिए सबूत प्लांट कर गिरफ्तार करने जैसी…
अगर यह लिंचिग हिन्दुत्व के खिलाफ है तो क्या वे उसमें लिप्त लोगों को सजा दिलाने के प्रयत्नों में भागीदार होने अथवा उनका वहिष्कार करने के लिए तैयार हैं? क्यों वे अभी भी…
यह हेडलाइन मैनेजमेंट है। नहीं तो स्टेनस्वामी को शहीद कहे जाने की खबर साधारण नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था, हाईकमीशन फॉर ह्युमन राइट्स ने मांग की है कि भीमा कोरेगांव मामले के…
उत्तराखंड हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने हाल में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एफआईआर दर्ज कर मुख्यमंत्री रावत के खिलाफ छानबीन करने के आदेश दे चुकी है।…
देशराज गोयल बीती सदी के आठवें दशक में आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्त्ता थे, पर मुस्लिम-विरोध पर उनका मोह भंग हुआ, और शीघ्र ही वह उससे अलग हो गए. उन्होंने अपने अनुभवों के आधार…
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “लोकतंत्र में टूलकिट (को) प्रतिबंधित नहीं कर सकता, कांग्रेस के खिलाफ अपील खारिज।” आज यह खबर निश्चित रूप से संयोग है और इसे स्टेन स्वामी की खबर के साथ छपने…
द टेलीग्राफ की लीड है, "कांग्रेस ने पूछा : प्रधानमंत्री को क्या कहना है?" यह सवाल न सिर्फ समय की जरूरत है, बोलने वाला प्रधानमंत्री चुप हो जाए तो हमेशा पूछते रहना चाहिए।…
अब तक हमने सुख हासिल करने के जो दो रास्ते खोजे, वो हमारी सामूहिकता को तोड़ते हैं। मसलन, धर्म को लीजिये, एक धर्म के लोग दूसरे धर्म के लोगों से नहीं जुड़ पाते,…
द हिंदू अखबार में छपी खबरों के अनुसार, नरेन्द्र मोदी सरकार में 36 रफालों की कीमत, पहले की तय कीमतों से, 41 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा बैंक गारंटी की शर्त हटा देने…
हमेशा की तरह, संपादकीय प्रतिभा का उपयोग द टेलीग्राफ ने किया है। उसका शीर्षक है, "फ्रांसिसियों ने वह करने की हिम्मत दिखाई जो हमने नहीं किया।"