शुक्रवार को जेएनयू के छात्रों के लॉन्ग मार्च में दिल्ली पुलिस द्वारा एक महिला फोटोपत्रकार की पिटाई के विरोध में शनिवार को दिल्ली के फोटोपत्रकारों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन…
फिसड्डी चैनल के ज़ीरो टीआरपी ऐंकर रवीश कुमार के प्राइम टाइन की बैंक सिरीज़ ने मिडिल क्लास के उस मेकअप को उतार फेंका है जिसकी आड़ में वह न जाने कितना दर्द छिपाए…
उत्तर प्रदेश में पिछले मार्च सरकार बदलने के बाद से एक साल के भीतर करीब बारह सौ पुलिसिया मुठभेड़े हुई हैं जिनमें 44 लोग अब तक मारे जा चुके हैं। सरकार का दावा…
जश्न-ए-भगत सिंह–6 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, अपने साथी सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर जेल में फाँसी चढ़ गए। तीनों उसी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के सिपाही थे जो भारत…
अमन गुप्ता जेएनयू में 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता और यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक के निलम्बन की अपनी मांगों को अहिंसक तरीके से रखने जा रहे जेएनयू के छात्र-छात्राओं को पुलिस प्रशासन…
अंकित दूबे भोजपुरी में एक कहावत है कि ‘लइका मुअला के दुख ना, जम के परीकला के दुख’ मतलब कि बच्चे के मर जाने से ज़्यादा तकलीफ़ इस बात की होनी चाहिए कि…
कश्मीरी पंडितों के संगठन कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने सवाल उठाया है कि आज पंद्रह साल नदीमर्ग के हत्याकांड को बीत गए जिसमें 24 कश्मीरी पंडित मारे गए…
पंकज श्रीवास्तव 26 जनवरी 1950 को समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का झंडा बुलंद करने वाला भारत का संविधान लागू हुआ। आधुनिक न्यायबोध पर आधारित एक नए भारत का सपना गढ़ने की चुनौती…
संजीव कुमार भाषा के छल से क्या नहीं किया जा सकता! जनाब जावड़ेकर साहब ने हिन्दुस्तान टाइम्स को एक साक्षात्कार दिया है. उनसे पूछा गया कि क्या स्वात्तता से फीस के ढांचे…
जश्न-ए-भगत सिंह-5 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, अपने साथी सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर जेल में फाँसी चढ़ गए। तीनों उसी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के सिपाही थे जो भारत…
जश्न-ए-भगत सिंह-4 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, अपने साथी सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर जेल में फाँसी चढ़ गए। तीनों उसी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के सिपाही थे जो भारत…
मीडिया विजिल डेस्क पूरे 18 साल पहले की बात है जब 20 मार्च सन् 2000 को अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के समानांतर जम्मू और कश्मीर में अल्पसंख्यक सिख समुदाय…
मेघालय में जैंतिया यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष और सूचना के अधिकार के सक्रिय कार्यकर्ता पोइपिनहुन माजॉ की हत्या कर दी गई है। नॉर्थ ईस्ट टुडे के मुताबिक उनकी लाश मंगलवार की सुबह पूर्वी…
नई दिल्ली | 21 मार्च 2018: भूमि अधिकार आन्दोलन द्वारा कृषि संकट, पशु अर्थव्यवस्था पर हमले तथा मुस्लिम, दलित और अल्पसंख्यकों की भीड़ द्वारा हत्याओं के खिलाफ राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन देश भर…
यूपी के कासगंज में दंगे को दो महीने होने जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस की सुबह 26 जनवरी 2018 को भड़के इस दंगे की चर्चा शुरुआती हफ्ते भर तो समूचे मीडिया में होती…
यौन उत्पीड़न के आरोपी जेएनयू के प्रोफेसर अतुल जौहरी को आख़िरकार आज गिरफ़्तार कर लिया गया। लेकिन यह एक मामूली हिरासत ही साबित हुई क्योंकि बमुश्किल सवा घंटे के अंदर वे ज़मानत पर…
सुप्रीम कोर्ट ने आज एस.सी/एस.टी एक्ट को लेकर एक बड़ा बदलाव किया। उच्चतम अदालत ने आज साफ़ निर्देश दिए कि अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत कोई ऑटोमैटिक…
हिंदी के बेहद महत्वपूर्ण कवि केदारनाथ सिंह का 19 मार्च की शाम निधन हो गया। वे काफ़ी दिनों से बीमार थे और दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था। बलिया ज़िले…
जश्न-ए-भगत सिंह–3 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, अपने साथी सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर जेल में फाँसी चढ़ गए। तीनों उसी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के सिपाही थे जो भारत…
योगेंद्र यादव, गिरजाशंकर शर्मा, डॉ. सुनीलम, जसविंदर सिंह शामिल होंगे 27 को छतरपुर, 28 को रीवाँ, 29 को होशंगाबाद, 30 को मन्दसौर में किसान सत्याग्रह करेंगे जन आन्दोलनों के राष्ट्रीय समन्वय, जय किसान…
यूँ तो भारत के ज़्यादातर चैनल और अख़बार ‘गोदी मीडिया’ में तब्दील हो चुका है, लेकिन इस बीच कई वेबसाइटें ऐसी सामने आई हैं जो सरकार के लिए परेशानी का सबब बनती रहती…
सीमा आज़ाद 24 नवम्बर 2017 के ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ में एक खबर छपी, जिसका शीर्षक यह था कि नोटबन्दी से माओवादियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस तथ्य को इस हवाले से बताया गया…
मसीहुद्दीन संजरी उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के पदभार संभालने के बाद 20 मार्च 2017 से फरवरी 2018 करीब 11 महीने में लगभग साढ़े ग्यारह सौ इनकाउंटर हो चुके हैं जिनमें 44 कथित…
किसी भी लोकतांत्रिक देश में इस ख़बर से तूफ़ान मच जाना चाहिए था, लेकिन 24 घंटे कहर बरपाने वाला मीडिया चूँ बोलने की हैसियत में नहीं है। न खाऊँगा और न खाने दूँगा…
जश्न-ए-भगत सिंह–2 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, अपने साथी सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर जेल में फाँसी चढ़ गए। तीनों उसी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के सिपाही थे जो भारत…