डीएनए वाले एंकर सुधीर चौधरी दिल्ली की जनता से बुरी तरह हर्ट हो गए हैं. लोगों ने उनका मन दुखाया है. जबी भर-भरके सुना रहे हैं. वो कह रहे हैं कि दिल्ली की जनता आलसी है, मतलबी है, अपने में मस्त रहती है. बाकी देश टूटे-फूटे, न टूटे..इन सबसे उनको कोई लेना-देना नहीं होता.
वो तो बस अपने संघर्ष में लिप्त रहती है. देश के मुद्दों पर उन्हें हाथ में ड्रिंक लेकर पार्टियों में बात करना अच्छा लगता है. सोशल मीडिया पर लिखना अच्छा लगता है. स्मार्टफोन से चिपके रहेंगे और चाहेंगे कि इसी से वोट दे दें, घर से नहीं निकलेंगे.
इत्ता बुरा-बुरा कहा है दिल्ली की जनता को लेकर कि क्या ही कहूं? इस तरह तो ब्रेकअप के दौरान बिटुआ भी डिसटब्ब नहीं होता. यही कहता है- आज वो मेरे लिए बुरी हो गयी बट जब साथ थी तो मेरे लिए बैस्ट ही थी न. मैं उसे क्यों सुनाऊं ? उसका अपना फैसला है.. बिटुआ कभी इस तरह से ब्लेम-गेम नहीं करता.
सुधीर चौधरी साहब तो राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली की जनता को विलेन और हिप्पोक्रेट बताने पर तुले हुए हैं. शाहीनबाग से पहले ही दिल टूटा है अब देश के दर्शकों का दिल्लीवालों से दिल तुड़वाने में जुटे हैं. लेकिन
ऐसा करते हुए वो शायद भूल रहे हैं कि दिल्ली संघर्ष और मेहनतकश लोगों का शहर है. पूरे देश की उम्मीद है ये शहर.
देशभर के लोग यहां पसीना बहाना आते हैं. आप हर्ट हुए हो तो भले ही गाओ-अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का..बट ये तो मत कहो कि दिल्ली की जनता को देश से कोई मतलब नहीं होता, अपने में मस्त रहते हैं. अपने में मस्त रहती तो कलेजे पर पत्थर रखकर आपको हर्ट करती.
(विनीत कुमार की फेसबुक पोस्ट से साभार)