HT में छपे लेख पर इतिहासकार राम गुहा को भाजपा ने भेजा कानूनी नोटिस, मुख्‍य संपादक का इस्‍तीफ़ा

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मशहूर इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा गौरी लंकेश की हत्‍या पर लिखे एक लेख के चलते भारतीय जनता पार्टी के कानूनी निशाने पर आ गए हैं। गुहा ने हिंदुस्‍तान टाइम्‍स और स्‍क्रोल डॉट इन पर लिखे अपने लेख में आशंका जतायी थी कि गोविंद पानसरे, दाभोलकर और कलबुर्गी की हत्‍या के तार जिस तरह संघ परिवार से जुड़े हैं, उसी तर्ज पर हो सकता है कि गौरी के हत्‍यारे भी संघ परिवार से जुड़े हों। इसकी प्रतिक्रिया में बीजेपी युवा मोर्चा के कर्नाटक इकाई के राज्‍य सचिव ने उन्‍हें कानूनी नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर माफी मांगने को कहा है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ़ कार्रवाई होगी।

पत्रकार गौरी लंकेश की 6 सितंबर को उन्‍हीं के घर में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी, जिसके बाद देश के बौद्धिक तबके की ओर से कठोर प्रतिक्रिया आई और शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। रामचंद्र गुहा ने इसी सिलसिले में हिंदुस्‍तान टाइम्‍स में लेख लिखा। संयेाग कहें या परिणाम, कि इस लेख के प्रकाशन के बाद पिछले 14 माह से अखबार के मुख्‍य संपादक रहे बॉबी घोष ने अपना इस्‍तीफा सौंप दिया।

घोष टाइम पत्रिका में सम्‍मानित पदों पर रह चुके थे और उसके ‘विश्‍व संपादक’ थे। पिछले साल उन्‍होंने संजय नारायण से हिंदुस्‍तान टाइम्‍स के एडिटर-इन-चीफ की जिम्‍मेदारी ली थी और अखबार को कई मामलों में काफी संपन्‍न बनाने का काम किया। फिलहाल यह संयोग ही दिखता है कि गुहा के लेख के प्रकाशन के ठीक बाद उनकी विदाई हो रही है।

हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की अध्‍यक्ष शोभना भरतिया की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक घोष ”निजी कारणों’ से न्‍यूयॉर्क जा रहे हैं। एक व्‍यंग्‍यात्‍मक ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि बारहवीं कक्षा में गणित में फेल होने के बाद उन्‍हें अपनी ‘निजी सीमाओं’ का ज्ञान हुआ। इसके राजनीतिक निहितार्थ उनके इस्‍तीफे से लगाए जा सकते हैं।

बहरहाल, रामचंद्र गुहा ने कानूनी नोटिस मिलने के बाद किए एक ट्वीट में लिखा है कि ‘आज के भारत में स्‍वतंत्र लेखकों और पत्रकारों का उत्‍पीड़न हो रहा है और उन्‍हें मारा जा रहा है। लेकिन हम शांत नहीं बैठेंगे।”