आंध्र प्रदेश के तेनाली में बेरोजगारी के चलते 3 मजदूरों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. इस मामले में एक मजदूर का आत्महत्या से पहले का एक वीडियो भी सामने आया है. आत्महत्या करने वाले एक शख्स वेंकटेश ने फांसी लगाने से पहले एक सेल्फी रिकॉर्ड की थी. वीडियो को तीन हफ्ते पहले रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन जो ये वीडियो अब सामने आया है.
The state has been going through a sand crisis in the last five months as the YS Jaganmohan Reddy-led government planned to change its policy on sand mining.https://t.co/WC52cLU9Ms
— Scroll.in (@scroll_in) October 28, 2019
ये तीनों घटनाएं आंध्र प्रदेश के तेनाली, गुंटूर और मंगलगिरी की हैं.
इस वीडियो में वेंकटेश यह कहते हुए दिख रहा है कि, वह आत्महत्या इसलिए कर रहा है क्योंकि वह बेरोजगार है और उसके पास रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं था.
'No work' says Andhra Pradesh labourer in video as he commits suicide https://t.co/RDDLyrQ3qq
— THE WEEK (@TheWeekLive) October 28, 2019
वेंकटेश की पत्नी राशि ने कहा कि वेंकटेश पिछले चार महीनों से बेरोजगार था. राशि ने कहा, ‘हमारी आजीविका केवल निर्माण क्षेत्र पर निर्भर थी. मेरे पति को कोई दूसरा काम नहीं आता था. हमारा एक बेटा है जो बीमार है और उसे भी इलाज की जरूरत है.’
वेंकटेश के पड़ोसियों का कहना है कि गोरंटला में रहने वाले पुरुष और महिलाएं मुख्य रूप से निर्माण से संबंधित क्षेत्रों में काम करने पर निर्भर हैं. ये लोग टाइल का काम, निर्माण क्षेत्र और प्लंबिंग का काम करते हैं. एक पड़ोसी ने कहा कि ‘किसी के पास काम नहीं है और स्थितियां वास्तव में खराब हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि वह इसे देखे.’
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने एक वीडियो ट्वीट किया है. माना जाता है कि वह वेंकटेश का है. इस वीडियो के माध्यम से टीडीपी प्रमुख ने वाईएसआर कांग्रेस पर निशाना साधा और कथित तौर पर रेत माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगाया. टीडीपी प्रमुख ने लिखा, ‘बिना काम या परिवारों के भूखे रह रहे मज़दूरों को पांच महीने से खुदकुशी करते देखना दिमाग को झकझोरने वाला है. सरकार को अब जागना चाहिए.
అయిదు నెలలుగా పనులు లేక, కుటుంబాలు పస్తులు ఉండడం చూడలేక మనోవేదనతో కార్మికులు ఆత్మహత్యలు చేసుకోవడం మనసును కలచివేస్తోంది. సెల్ఫీ వీడియోలతో ఆత్మహత్యలే తమకిక శరణ్యంగా పేర్కొనడం చూసైనా ఈ ప్రభుత్వం మేల్కొనాలి.పనులు కోల్పోయిన కార్మికులకు పరిహారం చెల్లించాలి. pic.twitter.com/NhQAYHFQF1
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) October 28, 2019
बता दें कि एक अन्य खुदकुशी तेनाली के नागा ब्रह्माजी ने इस महीने की शुरुआत में की थी. साथ ही मंगलगिरि से भी खुदकुशी का एक मामला सामने आया था.
नायडू ने लिखा है -“पिछले पांच महीनों में काम नहीं मिलने के कारण श्रमिकों को आत्महत्या करते देखना दिल दुखाने वाला है.
चंद्रबाबू नायडू ने एक ट्वीट कर लिखा है-त्योहार पर मास्टर्स ब्रह्माजी और वेंकटरा की आत्महत्या की खबर ने मुझे हैरान कर दिया! बालू की कमी से काम करने को मजबूर श्रमिकों की मौत हो रही है. वाईसीपी सरकार का लक्ष्य अपनी पार्टी के नेताओं की जेब भरना है.
పండుగ వేళ భవన నిర్మాణరంగానికి చెందిన మేస్త్రీలు బ్రహ్మాజీ, వెంకట్రావుల ఆత్మహత్య వార్తలు నన్ను కలిచివేశాయి! ఇసుక కొరతతో పనుల్లేక కార్మికులు బలవన్మరణం పాలు కావడం ఆవేదనకు గురిచేస్తోంది. వైసీపీ ప్రభుత్వం మాత్రం తమ పార్టీ నేతల జేబులు నింపడమే లక్ష్యంగా పనిచేస్తోంది. pic.twitter.com/im1CYetGD3
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) October 26, 2019
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने राज्य में रेत नीति में आमूल चूल परिवर्तन किया है. पिछले महीने मुख्यमंत्री ने नए नियमों की घोषणा की, जिसके तहत पिछले प्रशासन की ‘मुफ्त रेत नीति’ को खत्म कर दिया गया और सामग्री केवल सरकारी स्वामित्व वाले स्टॉकयार्ड से उपलब्ध कराया जाना निश्चित किया गया। इस नई नीति का नतीजा यह रहा कि रेत की खरीद में गिरावट आई, जिससे निर्माण और रियल एस्टेट दोनों क्षेत्रों पर असर पड़ा है.
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने राज्य सरकार से सभी श्रमिकों को 10 हजार रुपये मुआवजे के रूप में देने की मांग की है.
वहीं अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने इस मुद्दे पर 30 लाख से अधिक लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है.
I appeal to ‘Central Govt’ to look into this and come to the rescue of 3 million plus construction workers.
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) October 27, 2019
Since BJP and the Communists have already responded on their behalf, I urge remaining Political parties also to rise to the occasion and express solidarity for 3.5 million construction workers on Nov3rd in Visakhapatnam.
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) October 28, 2019
पवन कल्याण ने कहा, ‘मैं केंद्र सरकार से निर्माण श्रमिकों के बचाव की अपील करता हूं. आंध्र प्रदेश सरकार की अराजक रेत नीति ने लाखों श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया है और उनके परिवारों को मुसीबत में डाल दिया है.’