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गंगा की धारा को निमन और निरंतर बनाए रखने की मांग को लेकर हरिद्वार के मातृ सदन में पिछले कुछ महीनों से उपवास पर बैठे स्वामी आत्मबोधानंद ने प्रधानमंत्री को शुक्रवार को एक पत्र भेजा है।
उन्होंने पत्र में गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को लेकर वही सारी मांगें उठायी हैं जिन्हें स्वामी सानंद उर्फ प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने उठाया था और अनशन पर बैठकर अपनी जान दे दी थी।
स्वामी आत्मबोधानंद ने स्वामी सानंद की मौत को सुनियोजित हत्या करार देते हुए प्रधानमंत्री को चेतावनी दी है कि यदि गंगा से जुड़ी मांगें 25 अप्रैल तक नहीं मानी गईं तो 27 अप्रैल से वे जल भी त्याग देंगे।
Shri Narendra Modi Ji PM of India Dt. 19-04-2019स्वामी आत्मबोधानंद ने विस्तार से बताया है कि कैसे उन्हें प्रशासन ने प्रताडना दी है और उन्हें जान से मारने की कोशिश की है। उन्होंने जिलाधिकारी दीपक रावत और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि प्रशासन मिलकर मातृ सदन के साधुओं को खत्म करने का षडयंत्र कर रहा है।
उत्तराखंड में अनशनरत युवा संत आत्मबोधानंद ने अपने अनशन के 177वें दिन 18 अप्रैल 2019 को सरकार को खुली चेतावनी दी है। गौरतलब है कि इनके समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी 84 दिनों से अनशन जारी है।