मुरादाबाद: मुहल्ले के दो घर मुस्लिमों को बिके तो 81 हिंदू परिवारों ने ‘पलायन’ की धमकी दी!


यह नया भारत है जिसे बनाने के लिए सत्ताधारी पूरा ज़ोर लगा रहे हैं। यहाँ तक कि सबका साथ-सबका विकास का नारा देने वाले प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वहाँ यह क़ानून बना था कि एक धर्म का व्यक्तिि दूसरे धर्म के व्यक्ति से जुड़ी संपत्ति को बिना सरकारी अनुमति के नहीं ख़रीद सकता। 


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‘प्रोजेक्ट हिंदुत्व’ के तहत किस तरह के हिंदू बनाये जा रहे हैं, इसकी एक बानगी मुरादाबाद से आयी है। यहाँ एक मोहल्ले में दो मकान मुस्लिमों ने ख़रीद लिए तो बाक़ी लोग पूरी कॉलोनी बिकाऊ है का बैनर लगाकर बैठ गये। उनका कहना है कि अगर मुस्लिम इस मोहल्ले में रहे तो सभी हिंदू सामूहिक रूप से पलायन कर जायेंगे।

हैरानी की बात है कि यूपी के तमाम शहरों में मिश्रित आबादी का सदियों पुराना सिलसिला है जहाँ एक ही मोहल्ले में मंंदिर-मस्जिद होना और सभी धर्म के लोगों का साथ रहना एक सामान्य बात रही है। लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए जिस धार्मिक ध्रुवीकरण को हथियार बनाया गया उसका नतीजा है कि लोग सामान्य विवेक ही नहीं, नियम-क़ानून की भी परवाह करने को तैयार नहीं हैं।

पूरा मामला..

दरअसल, मुरादाबाद के लाजपत नगर इलाक़े की शिव मंदिर कॉलोनी में सभी घर हिंदू समुदाय के लोगों के हैं। लेकिन किसी ने अपनी दो संपत्तियां मुसलमानों को बेच दी। हालांकि इन घरों में अभी कोई नहीं रह रहा है, घर बाहर से बंद हैं। पर इस बात की जानकारी से ही यहां बवाल मचा हुआ है कि इन घरों को मुसलमानों ने खरीदा है। कॉलोनी में 81 घर हैं। लगभग हर घर के दरवाज़े के बाहर पिछले सप्ताह से सामूहिक पलायन के पोस्टर लगे हुए। जिनमे लिखा है, “सामूहिक पलायन, यह मकान बिकाऊ है, संपर्क करें।”

क्यों कर रहे हैं कॉलोनी के लोग विरोध प्रदर्शन..

यूपी में क़ानूनन कोई किसी की भी संपत्ति ख़रीद सकता है। लेकिन हालत ये है कि सत्ताधारी दल के लोग ही मामले को तूल दे रहे हैं। बीजेपी के शहर विधायक रितेश गुप्ता का आरोप है की एक साजिश के तहत दोगुनी, तीनगुनी कीमत देकर मुसलमान हिन्दुओं की कॉलोनी में मकान खरीद रहे हैं। हम ऐसा होने नहीं देंगे। इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन भी चल रहा है। कॉलोनी के सभी लोग रोज़ाना कॉलोनी के बाहर शिव मंदिर पर इकट्ठा होते हैं। निवासियों का कहना है कि मंदिर की ‘सुरक्षा’ के कारण भी हम प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें, यहां के लोगों का यह भी कहना है कि मुसलमानों को अपने इलाकों में रहना चाहिए। वह यहां आकर माहौल खराब करेंगे। हमारी और उनकी संस्कृति और त्यौहार अलग हैं।

कोई किसी को भी बेच सकता है संपत्ति..

विरोध प्रदर्शन पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया और मंगलवार को मुरादाबाद एसएसपी के साथ इलाक़े का दौरा किया था। उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की कि कोई किसी को अपनी संपत्ति बेचने से नहीं रोक सकता है। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ स्थानीय निवासी इन दो संपत्तियों को खरीदने में रुचि रखते थे। लेकिन दो महीना पहले ही घरों के मालिकों ने अपनी संपत्तियों को मुस्लिम समुदाय से संबंधित लोगों को बेच दिया था।

यह नया भारत है जिसे बनाने के लिए सत्ताधारी पूरा ज़ोर लगा रहे हैं। यहाँ तक कि सबका साथ-सबका विकास का नारा देने वाले प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वहाँ यह क़ानून बना था कि एक धर्म का व्यक्तिि दूसरे धर्म के व्यक्ति से जुड़ी संपत्ति को बिना सरकारी अनुमति के नहीं ख़रीद सकता।