मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहा आंदोलन आज 104वें दिन भी जारी रहा। देशभर में किसान महापंचायतों का दौर भी जारी हैं। इन महापंचायतों में किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है। देशभर के किसान लगातार आंदोलन के साथ जुड़ते जा रहे हैं।
इस बीच ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने साफ किया है कि सरकार के साथ बातचीत के लिए 9 सदस्यीय समिति बनाने की खबर गलत है। ऐसी कोई समिति नहीं बनाई गई है।
इसके साथ ही ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि एक टीम पश्चिम बंगाल और असम में जाकर वहां के मतदाताओं से अपील करेगी कि वे किसान विरोधी भाजपा को वोट न दें। यह कार्यक्रम 12 मार्च से शुरू होगा व अभी के लिए तीन दिन तक चलेगा।
किसान मोर्चा ने कहा कि इस आंदोलन में अब तक अपना बलिदान देने वाले किसानों की संख्या 280 पार कर गई है। आज हरियाणा के जींद जिले के एक 50 वर्षीय किसान राधेश्याम टिकरी बॉर्डर पर शहीद हो गए।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर को पार करने के बाद ‘किसान-मजदूर जागृति यात्रा’ कल उत्तराखंड के जसपुर में प्रवेश कर गई। यात्रा ने 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ली है और अब तक 200 से अधिक गांवों और कस्बों से गुजरी है। आज इस यात्रा के दिनेशपुर पहुंचने की उम्मीद है।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने नोदीप कौर व उनके साथियों पर एबीवीपी द्वारा किए गए हमले की निंदा की है। कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान उन पर हमला किया गया।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारा जारी