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राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर गुरुवार को वामदलों ने गत डेढ़ माह में अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी सांप्रदायिकता, बुलडोज़र की राजनीति और अल्पसंख्यकों पर सत्ता समर्थित हमलों के ख़िलाफ़ साझा धरना-प्रदर्शन किया।
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इस विरोध प्रदर्शन में सीपीआई एमएल, सीपीआई एम, सीपीआई, आरएसपी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक शामिल थे। विरोध प्रदर्शन में पिछले कुछ समय, ख़ासकर हाल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान और उसके बाद से देशभर में जारी कट्टरपंथी हिंदू संगठनों और सत्ताधारी भाजपा के कार्यकर्ताओं-नेताओं द्वारा सांप्रदायिक वबाल, हिंसा और उन्मादी माहौल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया गया।
लेफ्ट पार्टियों की ओर से कहा गया कि ये भाजपा-आरएसएस की विघटनकारी राजनीति का अगला चरण है, जहां अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर, बहुसंख्यकों के मन में उनके लिए नफ़रत पैदा कर के, सत्ता बनाए रखने की कोशिश हो रही है। इसके ख़िलाफ़ नागरिकों से साथ आने की अपील की गई।
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सीपीआई एमएल के दिल्ली राज्य के सचिव रवि राय ने अपने बयान में कहा कि पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ होने वाली हिंदुत्ववादी संगठनों की हिंसा और प्रोपेगेंडा में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। इधर बुलडोज़र से न्याय देने के नाम पर भी भाजपा शासित राज्यों की सरकारें, अल्पसंख्यकों को ही निशाना बना रही हैं। इसलिए वामदलों ने ये साझा विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया है।
यहां पर आए लेफ्ट पार्टियों के नेताओं ने ये भी कहा कि नफ़रत और सांप्रदायिकता की राजनीति के ख़िलाफ़ ये अभियान पूरे देश में खड़ा किया जाएगा।