बिहार में किसान आंदोलन तेज करेगा माले, 6 फरवरी को सभी प्रखंडों में प्रदर्शन!

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भाकपा-माले ने बिहार में किसान आंदोलन को नई ऊंचाई और विस्तार देने का फैसला किया है। माले ने कहा कि ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के 6 फरवरी के देशव्यापी चक्का जाम के समर्थन में पार्टी सभी प्रखंडों में मार्च निकालेगी और विरोध प्रदर्शऩ करेगी। वहीं सहजानंद सरस्वती के जन्म दिवस 23 फरवरी को भाकपा-माले ने किसान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है। भाकपा-माले की राज्य स्थायी समिति की एकदिवसीय बैठक में ये फैसला लिया गया है।

माले राज्य स्थायी समिति की बैठक में माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य सहित बिहार के सभी प्रमुख नेतागण शामिल थे। माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, राजाराम सिंह, अमर, वरिष्ठ किसान नेता केडी यादव, विधायक मनोज मंजिल, गोपाल रविदास, सुदामा प्रसाद, महानंद सिंह, मीना तिवारी, शशि यादव, सरोज चैबे, राजू यादव, सहित अन्य नेता बैठक में शामिल रहे।

बैठक के हवाले से माले पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा ने कहा कि हमने बिहार में किसान आंदोलन को नई ऊंचाई और विस्तार देने का निर्णय किया है। किसान आंदोलन के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा साजिश रचने, बर्बर दमन करने और किसानों-पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ आगामी 6 फरवरी को ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के आह्वान पर 6 फरवरी को आहूत देशव्यापी चक्का जाम आंदोलन के समर्थन में सभी प्रखंडों पर मार्च निकाला जाएगा। बिहार में संगठित किसान आंदोलन के नेता सहजानंद सरस्वती के जन्म दिवस 23 फरवरी को भाकपा-माले ने किसान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है। कॉरपोरेट कब्जे से खेती-किसानी को बचाने के लिए सभी जिलों में कन्वेंशन का आयोजन किया जाएगा।

धीरेंद्र झा ने कहा कि बिहार विधानसभा के आगामी सत्र में 26 फरवरी को रसोइया संगठनों के प्रदर्शन, 19 लाख रोजगार के मसले पर 1 मार्च को आइसा-आरवाईए के विधानसभा मार्च, 3 मार्च को खेग्रामस-मनरेगा मजदूर सभा के प्रदर्शन, 5 मार्च को स्वंय सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के प्रदर्शन और 16-17 मार्च को आशाकर्मियों के संयुक्त महाधरना को भाकपा-माले की बैठक में सफल बनाने का निर्णय किया गया। पार्टी की जिला कमिटियां व निचले ढांचों से इन कार्यक्रमों को सफल बनाने का आह्वान किया गया है।