सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजद्रोह यानी सेडिशन धारा 124A आईपीसी के संबंध में दिनांक 11 मई 2022 को दिया गया फैसला देश के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण फैसला है। सुप्रीम कोर्ट ने 11…
कृष्णमूर्ति इस खेल को समझ गए थे और थियोसोफिकल सोसाइटी सहित इस खेल को लात मारकर इससे बाहर निकल आए। उस संस्था मे दुनिया भर के जितने भी रहस्यवादी उस समय जमा हुए…
सन 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के मूलत: शिवमंदिर होने का दावा करने पी.एन.ओक की याचिका ‘बी इन हिज़ बोनेट’ की टिप्पणी के साथ खारिज कर दी थी। अर्थ हुआ कि याचिकाकर्ता…
दोस्तों जैसे ही आपने ये शीर्षक पढ़ा होगा, आपको एक बात तो फौरन आपकी समझ में आई होगी कि ये बात लंका के बारे में हो रही है। क्योंकि पूूरी दुनिया में श्री…
शाहीन बाग में बुलडोजर पॉलिटिक्स पर सुप्रीमकोर्ट पहुंची माकपा यानी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी जो इस मामले में एक पार्टी थी, को सुप्रीम कोर्ट ने भारी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट का कहना…
दिल्ली स्थित शाहीनबाग के इलाक़े में अवैध निर्माण को तोड़ने पहुँची दिल्ली नगर निगम के बुलडोज़र को अंतत: वहाँ रह रहे निवासियों के सामूहिक विरोध के सामने झुकना पड़ा, और बिना किसी नुक़सान…
दोस्तों ये दौर जितना मूल्यांकन का है उतन ही अवमूल्यन का भी है। महान राजनीतिज्ञ सुश्री सुषमा स्वराज के संसद में गूंजते वे स्वर, आज भी कानों में घूमते हैं, ”जैसे – जैसे…
10 मई 1857 से शुरू हुए प्रथम स्वाधीनता संग्राम की याद में विशेष 10 मई 1857 को मेरठ से भड़का विद्रोह, अंग्रेज़ों की नज़र में सिर्फ़ सिपाही विद्रोह था, लेकिन वास्तव…
शम्सुल इस्लाम 10 मई 1857, दिन रविवार को छिड़े भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे देश के हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों ने मिलकर विश्व की सबसे बड़ी साम्राज्यवादी ताक़त को चुनौती…
मीडिया दार्शनिक मार्शल मैकलुहान का कथन है कि सूचना क्रांति ने दुनिया को ‘ विश्व ग्राम ‘ में बदल दिया है. लेकिन, हमारे देश के वर्तमान शासकों की कारगुजराइयों ने सिद्ध कर दिया…
कवि कुल गुरु रवींद्रनाथ टैगोर (7 मई 1861 – 7 अगस्त 1941) को उनकी काव्य रचना ‘गीतांजलि’ के लिए नोबेल से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान पाने वाले वे अकेले भारतीय…
जन्मदिन पर विशेष गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व थे। बंगाल के कुछ बेहद सम्पन्न लोगों में उनका परिवार आता था। उनके बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर, देश के प्रथम हिंदुस्तानी, 1864…
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बढ़ाया CRR और रेपो रेट: महंगाई पर अंकुश? बुधवार 4 मई 2022 को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की ग़ैर-निर्धारित बैठक के बाद एक…
विज्ञान के इतिहास में मार्क्स ने जिन महत्त्वपूर्ण बातों का पता लगाकर अपना नाम अमर किया है, उनमें से हम यहाँ दो का ही उल्लेख कर सकते हैं; फ्रेडरिक एंगेल्स पहली तो विश्व…
फ्रांसीसी राजनीतिक चिंतक रेमों एरोन ने लिखा है कि कार्ल मार्क्स के विचारों को ‘पांच मिनट, पांच घंटे, पांच सालों या आधी सदी में विश्लेषित किया जा सकता है. कुछ लोगों के लिए…
सभ्यता की कसौटी एक ऐसा जीवन है जिसमें सबको काम, आराम और मनोरंजन हासिल हो। लेकिन इस सिद्धांत को उन्होंने कभी नहीं माना जो मज़दूरों के श्रम के शोषण पर अपना साम्राज्य खड़ा…
सभ्यता की कसौटी एक ऐसा जीवन है जिसमें सबको काम, आराम और मनोरंजन हासिल हो। लेकिन इस सिद्धांत को उन्होंने कभी नहीं माना जो मज़दूरों के श्रम के शोषण पर अपना साम्राज्य खड़ा…
आज़ादी की आकांक्षा का विस्तार करती किताब (देवेंद्र आर्य) ऐसे समय में जब ‘आज़ादी’ के कोरस को जे.एन.यू यानी टुकड़े टुकड़े गैंग से जोड़ कर चिढ़ौनी बना दिया गया हो और सांस्कृतिक ग़ुलामी…
क्या भारत को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में होना चाहिए? सत्ता प्रतिष्ठान स्पष्ट रूप से चाहता है कि भारत के नागरिक यह विश्वास करें कि ऐसा वातावरण उनके सर्वोत्तम हित में है। चाहे…
संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्था (विश्व स्वास्थ्य संगठन) महामारी आपदा प्रबंधन और महामारी से बचाव के लिए वैश्विक संधि बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। जन सुनवाई हो रही हैं…
बाबा साहब डॉ बी आर अंबेडकर की 131वीं जयंती मनाई जा रही है। जाति व्यवस्था पर उनके नजरिए देखना जरूरी पड़ जाता है जब देखते हैं कि हाल के राज्यों के चुनाव में…
(हम भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के जन्म के 132वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। ये एक ऐसा समय है, जब पूरी दुनिया एक भयानक संकट से…
बीजेपी के केंद्र और तमाम राज्यों में सत्तारूढ़ होने के साथ डा.आंबेडकर के विचारों को दफनाकर उनको मूर्ति में बदलने की कोशिश तेज़ हुई है। उन्हें एक हिंदू समाज सुधारक बताने का पूरा…
डॉ.आंबेडकर की लोकतान्त्रिक दृष्टि …
साहनी ने लिखा ´एक नास्तिक के लिए आस्तिकता के साथ जरा-सा भी समझौता करना खतरे से खाली नहीं है,क्योंकि आज के जमाने में धर्म एक ऐसी व्यापारिक संस्था बन गया है कि उसके…