राफेल मामले में सवाल प्रधानमंत्री से पूछा जा रहा है। जवाब वित्त मंत्री दे रहे थे, कल रक्षा मंत्री ने दिया और दस्तावेज पूर्व रक्षा मंत्री के पास गोवा में होने का दावा…
कांग्रेस सांसदों ने अपनी बांह पर काले पट्टे बांधने की कोशिश की जिसे पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नाकाम कर दिया.
इस शिया प्रधान इस्लामी देश में हिन्दू युवक और शिया युवती वैवाहिक सूत्र में बंधे मिले।
स साल पुरस्कार पाने वालों में एक, द टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार अक्षय मुकुल भी थे और उन्होंने यह पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेने से मना कर दिया था।
आप का अपना सकारात्मक एजेंडा सामने नहीं आ सका और पंजाब में सरकार बनाने की हसरत धूल में मिल गई।
अगर कल टेलीविजन पर यह इंटरव्यू आ ही गया तो आज के अखबारों में नया क्या है
ममता बनर्जी ने इस फ्रंट के बारे में चुप्पी साध ली।
जितने किसान खुदकुशी करते हैं उससे दोगुना युवा-छात्र-बेरोजगार खुदकुशी करते हैं पर कहेगा कौन ?
जो नहीं जानते उन्हें बेवकूफ बनाने का खेल चल रहा है और किसने क्या कहा के नाम पर अखबार भी यही काम कर रहे हैं
आज ज्यादा खबरें नहीं है। इसके बावजूद यह खबर लीड नहीं बनी है।
ये दोनों विद्वान अमरीका के अनुदारवादी खेमे से गहरे रूप से जुड़े हुए थे
देश भर के संस्कृत शिक्षक दिल्ली में आंदोलन और हवन कर रहे हैं।
अमित शाह अभियुक्त थे। उन्हें बरी करने वाले जज को गरवनर बनाया जा चुका है।
सीएम योगी दावे से नहीं कह सकते हैं कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है।
रांधवा की गिरफ्तारी के बहाने आज खबरों की खबर
पुलिस इंस्पेक्टर की चिट्ठी और ईज़ ऑफ बिज़नेस का धुंआ निकल गया संजय कुमार सिंह आज के अखबारों में यह खबर प्रमुखता से छपी है कि नोएडा के एक पार्क में नमाज पढ़ने…
तमिलनाडु में आगामी चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के गठबंधन का पुरानी पीढ़ी का पुराना ढांचा लगभग टूट चुका है।
क्रिसमस पर ईसा मसीह की जेरूसलम यात्राओं पर विशेष
गोदी मीडिया ना सिर्फ राजनीतिक खबरों में खेल करता है बल्कि जरूरी खबरें देने की जिम्मेदारी भी नहीं निभाता
गडकरी को अध्यक्ष की कुर्सी सौप दी जाती है तो उससे एनडीए के पुराने साथियो में भी अच्छा मैसेज जायेगा।
संजय कुमार सिंह आज के अखबारों में बड़ी राजनीतिक खबर बिहार में भाजपा, जनता दल यू (यानी नीतिश कुमार की पार्टी) और लोजपा (राम विलास पासवान) में सीटों का तालमेल तय होने की…
मेरी पत्नी की नौकरी जा चुकी थी. मुझे नौकरी मिल गई. परिवार एक आर्थिक संकट से बच गया. लेकिन मैं सोच रहा था – इस माहौल में रहूंगा कैसे ?
सुप्रीम कोर्ट फैसला उन सवालों के लिए ज्यादा याद किया जाएगा जिनका फैसला अदालत ने नहीं किया, बजाय इसके जिन पर फैसला दिया गया।”
नसीर को जैसे याद दिला दिया गया कि वे मुसलमान हैं और उनको अपना डर या गुस्सा जो भी हो, रखने का हक़ नहीं है. वे रखेंगे तो किसी के एजेंट की तरह…
क्या जीएसटी काउंसिल की बैठक में 99 प्रतिशत वस्तुओं की दर 18 प्रतिशत से कम हुई? क्या आपके अखबार ने उसी प्रमुखता से बताया?