नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में गुरुवार, 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बेनिया बाग में शाहीन बाग की तर्ज पर तमाम महिलाओं ने प्रदर्शन का आयोजन किया था जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 32 नामजद व 500 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है. 6 लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है.
इंस्पेक्टर चौक आशुतोष कुमार तिवारी के मुताबिक जैतपुरा के गुलाम रसूल, अबू सूफियान, अमीर सुहैल व मोहम्मद सालेह, खजुरी के गुलीसाद और मऊ निवासी वरिसर गनी को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा कांग्रेस नेत्री सृष्टि कश्यप समेत 32 नामजद व 500 अज्ञात पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 188, 114, 120(बी), 332, 353 धारा और 7 सीएल एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
बेनिया बाग़इस एफआइआर रिपोर्ट में पुलिस ने मनीष शर्मा, जाग्रति राही, अनूप श्रमिक और मकबूल हसन का नाम लेते हुए उल्लेख किया है कि जिस तरह से बीते साल 19 दिसम्बर को उपद्रव हुआ था उसी तरह कल यानि 23 जनवरी को भी कुछ ऐसा अपराधिक षड्यंत्र करने की साजिश हुई.
इस मामले में मीडिया विजिल ने जब अनूप श्रमिक से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें न तो उस मामले की कोई जानकारी है न ही वे वहां मौजूद थे. तो फिर पुलिस ने किस आधार पर इस केस में अनूप श्रमिक का जिक्र किया है?
वहीं प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दस थानों की पुलिस सशस्त्र सिपाहियों के साथ और रैपिड एक्शन बल के साथ दो घंटे तक लोगों के इकठ्ठा होने का इंतज़ार करती रही. जब लोग इकठ्ठा हो गये तब पुलिस ने महिलाओं और बच्चों पर जबरदस्त बल प्रयोग किया. न केवल डंडों से मारा बल्कि पथराव भी किया जिसमें कई महिलाएं और मासूम बच्चे जख्मी हो गये.
Eyewitnesses said personnel from 10 police stations, the provincial armed constabulary and the Rapid Action Force waited two hours for the protesters to gather inside the Beniyabagh ground before charging in a little after noon https://t.co/YYwbCe7yMo
— The Telegraph (@ttindia) January 24, 2020
जबकि पुलिस के मुताबिक यह प्रदर्शन बिना अनुमति के आयोजित की जा रही थी और बेनिया बाग एरिया में धारा 144 लगी हुई है. जब पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया तो भीड़ ने पथराव शुरू किया. जिसके बाद पुलिस को लाठी चलानी पड़ी.