स्विस अदालत ने हिदुजा ग्रुप के प्रकाश हिंदुजा को 1000 करोड़ की टैक्स चोरी का दोषी पाया!

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हिंदुजा समूह (Hinduja Group) के प्रकाश हिंदुजा को टैक्स चोरी के चर्चित मामले में स्विट्जरलैंड की फेडरल कोर्ट से राहत नहीं मिली। स्विस फेडरल कोर्ट ने कहा कि प्रकाश हिंदुजा को 13.7 करोड़ डॉलर यानी कि लगभग 1000 करोड़ रुपये का टैक्स देना होगा। ये टैक्स न देने के लिए, कोर्ट ने उनके एसेट्स को फ्रीज करने के आदेश को भी वैध करार दिया है।

क्या है ये मामला?

दरअसल 76 वर्षीय प्रकाश हिंदुजा पर ग़लत जानकारी दे कर, स्विस सरकार को दिए जाने वाले टैक्स में चोरी का आरोप लगा था। आरोप ये था कि उन्होंने टैक्स बचाने के लिए अपने को मोनाको (Principality of Monaco) का नागरिक बताया था। मोनाको, फ्रांस के पास एक छोटा सा संवैधानिक राजतंत्र है और यहां के नागरिक के तौर पर आपको स्विट्ज़रलैंड के नागरिक के तौर पर दिए जाने वाले करों से छूट मिलती है। प्रकाश हिंदुजा को साल 2000 में स्विट्ज़रलैंड की नागरिकता मिल गई थी। लेकिन उन्होंने टैक्स दस्तावेजों में ख़ुद को मोनाको का नागरिक बताया। इसके साथ ही प्रकाश हिंदुजा ने अपनी संपत्ति की कीमत भी कम करके बताई।

फ्रेंच अखबार 24 Heures की ख़बर के मुताबिक यह धांधली तब सामने आई, जब 3 साल पहले जेनेवा में मानव तस्करी के एक कथित मामले में उनके परिवार के बारे में जांच शुरू हुई। यह मामला उस जेनेवा विला से संबंधित था, जहां प्रकाश हिंदुजा का परिवार रहता था। इस संपत्ति के मालिकाना हक़ के सामने आते ही, बाकी मामला भी धीरे-धीरे सामने आया और उनके ख़िलाफ़ टैक्स चोरी की जांच शुरू हुई।

इस मामले के सामने आने के बाद मई 2019 में, स्विस टैक्स एजेंसीज़ ने हिंदुजा के आवास पर छापा मारा था। इसके बाद उनकी संपत्ति को फ्रीज कर दिया गया था और ये मामला अदालत में जा पहुंचा, जहां पर प्रकाश हिंदुजा की हार हुई और स्विस एजेंसीज़ के तथ्यों को अदालत ने सही माना है।

स्विस फेडरल ट्राइब्यूनल (स्विट्ज़रलैंड का सर्वोच्च न्यायालय) (फाइल)

क्या कहा स्विस अदालत ने?

न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार स्विट्जरलैंड की सर्वोच्च अदालत – फेडरल ट्राइब्यूनल ने बुधवार को स्विस टैक्स अथॉरिटी के उस आदेश को सही ठहराया, जिसमें प्रकाश हिंदुजा पर 13.7 करोड़ डॉलर के पिछले वर्षों में बकाया टैक्स की देनदारी बताई गई थी। यह कर भुगतान साल 2008 से 2017 के बीच का है।

इस मामले में जांच के बाद अभियोजन संस्था ने टैक्स अधिकारियों को जानकारी दी कि प्रकाश हिंदुजा का यह दावा कि वे 2007 से ही मोनाको के निवासी हैं, सच नहीं था। वे अभी भी स्विट्जरलैंड में रहते हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति भी कम बताई है। मोनाको में रहने के दावे की वजह से उन पर स्विट्जलरैंड में टैक्स कम लगा।

कौन हैं प्रकाश हिंदुजा?

प्रकाश हिंदूुजा यूरोप में हिंदुजा ग्रुप के यूरोप के चेयरमैन हैं। हिंदुजा समूह की स्थापना इनके पिता परमानंद हिंदुजा ने भारत में की थी। लेकिन बाद में हिंदुजा ग्रुप ने अपना हेडक्वार्टर ईरान को बनाया। ईरान में इस्लामिक सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुजा ग्रुप ने अपना बेस यूरोप को बनाया। हिंदुजा ग्रुप को चार भाई गोपीचंद हिंदुजा, प्रकाश हिंदुजा, अशोक हिंदुजा और एसपी हिंदुजा चलाते हैं। इनमें अशोक हिंदुजा भारत में हिंदुजा ग्रुप के ऑपरेशन्स देखते हैं। फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक ‘हिंदुजा ब्रदर्स’ का मौजूदा नेटवर्थ करीब 16 अरब डॉलर का है।

प्रकाश हिंदुजा (फाइल)

हिंदुजा समूह भारत, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड ​सहित दुनिया के कई देशों में ऑटोमोबाइल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग-फाइनेंस, रियल एस्टेट, मीडिया, हेल्थकेयर और माइनिंग-रिफाइनरीज़ समेत तमाम कारोबार करता है। लगभग 1.5 लाख लोग हिंदुजा समूह के कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं। प्रकाश हिंदुजा को साल 2000 में स्विट्जरलैंड की नागरिकता मिली है.

पहले भी विवादों में रहा है हिंदुजा ग्रुप..

ये पहली बार नहीं है कि हिंदुजा समूह का विवाद में नाम सामने आया हो। इसके पहले बोफोर्स दलाली के मामले में भी हिंदुजा भाईयों का नाम सामने आया था। इसके अलावा ब्रिटिश राजघराने और सांसदों से नज़दीकी और व्यापारिक रिश्तों का ग़लत फ़ायदा हासिल करने के आरोप भी हिंदुजा भाईयों पर लगते रहे हैं। सूडानी रक्षा मंत्रालय द्वारा हिंदुजा ग्रुप की भारतीय वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड से 100 मिलिटरी वाहन खरीदने की डील को लेकर भी, इन पर ब्रिटिश क़ानूनों के उल्लंघन का आरोप लग चुका है।