इतिहास का एक अटका हुआ अध्याय आज अपनी परिणति पर पहुंच गया। अयोध्या में पिछले सवा सौ साल से ज्यादा वक्त से विवादित ज़मीन के मुकदमे का अंत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ज़मीन राम मंदिर बनाने के लिए दे दी और केंद्र सरकार को कह दिया कि तीन महीने के भीतर इसके इंतज़ामात कर दे।
दूसरे पक्ष को सांत्वना पुरस्कार दिया गया है। अदालत ने पांच एकड़ ज़मीन अयोध्या में ही सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को देने का फैसला दिया ताकि उस पर मस्जिद बनवायी जा सके। निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने माना कि बाबरी मस्जिद, जो सन बानबे में तोड़ी गयी, वह खाली ज़मीन पर नहीं बनायी गयी थी। उसके नीचे एक गैर-इस्लामिक ढांचा मौजूद था। कोर्ट ने यह भी माना कि 1949 में मस्जिद के भीतर रामलला की प्रतिमा “रखी” गयी थी, प्रकट नहीं हुई थी।
A suitable plot of 5 acres must be granted to Sunni Waqf Board to set up a Mosque. The disputed land at Ayodhya must be given to a Board of Trustees for construction of #RamMandir. Centre to formulate scheme within 3 months.#AYODHYAVERDICT
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2019
पांच जजों की खंडपीठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर भरोसा जताते हुए ये निर्णय दिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मख्य बिंदु निम्न हैंः
- शिया वक्फ़ की ओर से दायर एसएलपी खारिज
- निर्मोही अखाड़ा की ओर से दायर वाद संख्या 3 सीमाबद्ध और खारिज की जाती है
- रामजन्मभूमि अपने आप में न्यायिक पक्ष नहीं है लेकिन देवता अवश्य है
- पक्षाें द्वारा प्रतिकूल कब्ज़े का दावा खारिज
Key Findings so far
1. SLP filed by Shia Wakf board is dismissed
2. Suit No. 3 filed by Nirmohi Akhara is barred by Limitation and dismissed
3. Ramjanmabhoomi is not a juristic person but Deity is
4. Claim of Adverse possession by parties dismissed#AYODHYAVERDICT— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2019
अदालत ने फैसले में उन बिंदुओं को स्पष्ट किया जिन पर अब तक विवाद था। मसलन, अदालत ने कहा कि मुसलमानों के महज नमाज़ अता करना छोड़ देने यह साबित नहीं हो जाता कि मस्जिद पर उनका कब़्जा समाप्त हो गया। अदालत ने माना कि मुसलमान भीतर नमाज़ अता करते थे जबकि हिंदू बाहर पूजा करते थे।
SC holds that the mosque was not abandoned; mere cessation of namaz by Muslims cannot lead to inference that mosque was abandoned and they lost possession#AYODHYAVERDICT
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2019
अदालत ने यह फैसला सर्वसम्मति से सुनाया है कि समूची विवादित 2.77 एकड़ ज़मीन पर राम मंदिर बनेगा जबकि पांच एकड़ ज़मीन अन्यत्र मस्जिद के लिए दी जाएगी।