यूपी: मैनपुरी में छात्रा की मौत व दुष्कर्म मामले में नई SIT गठित, तीन पुलिस अधिकारी निलंबित!

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नवोदय विद्यालय मैनपुरी में छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और कथित दुष्कर्म के मामले में गुरूवार 16 सितंबर को हाईकोर्ट की फटकार के बाद नए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। एडीजी कानपुर जोन को इस नई एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। टीम में दो आईजी समेत छह अधिकारियों को शामिल किया गया है। इसमें एसपी मैनपुरी भी शामिल है। इस मामले की पिछली सुनवाई बुधवार को हुए थी जिसमे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए मामले की जाँच आगे न करने पर जवाब मांगा था। इस मामले में अब तक तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।

जांच के बाद भी अब तक नही आया था स्पष्ट परिणाम..

दरअसल,16 सितंबर 2019 को जवाहर नवोदय स्कूल में 16 साल की एक छात्रा फांसी के फंदे से लटकी मिली थी। पुलिस ने इस मामले की शुरुआत में दावा किया था कि यह आत्महत्या का मामला है। लेकिन दूसरी ओर, छात्रा कि मां ने आरोप लगाया था कि छात्रा को परेशान किया गया, पीटा गया और जब उसकी मृत्यु हुई, तो उसे फांसी पर लटका दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हैगिंग थी, लेकिन बच्ची के पिता ने रेप की आशंका जताते हुए बेटी की हत्या का आरोप लगाया था।

इस घटना के बाद न्याय की उम्मीद में परिवार ने कई दिनों तक धरना दिया था। अन्य छात्रों ने घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। जब मृतक के पिता ने राज्य के मुख्यमंत्री से जांच की गुहार लगाई तो सरकार ने एसआईटी से मामले की जांच कराई, लेकिन मौत के कारणों का आज तक खुलासा नहीं हो पाया है। हाईकोर्ट ने अब इस मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट की सख्ती के बाद मामले की जांच के लिए नई एसआईटी का गठन किया गया है।

एसआईटी में शामिल होंगे यह अधिकारी..

एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर को नवगठित एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इनके अलावा आईजी (एटीएस) लखनऊ जीके गोस्वामी, एसपी मैनपुरी अशोक कुमार राय, एएसपी (एसटीएफ) आगरा यूनिट राकेश यादव, आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल और सीओ कानपुर देहात तनु उपाध्याय को जांच दल में सदस्य बनाया गया है। टीम में शामिल महिला सीओ को मामले की जांचकर्ता बनाया गया है।

इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच समेत इन अधिकारियों पर गिरी गाज..

हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद छात्रा की कथित हत्या और दुष्कर्म मामले में इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच के पद पर तैनात, भोगांव थाना प्रभारी निरीक्षक राज पहुप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। वहीं जिले में तैनात एक अन्य एसआई पर भी लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले तत्कालीन एएसपी, सीओ को सस्पेंड किया जा चुका है।

बता दें कि इस मामले की में पहले की सुनवाई में पुरानी एसआईटी ने अदालत को बताया था कि घटना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन आरोपी से उचित समय के भीतर पूछताछ नहीं की गई। घटना के तीन महीने बाद आरोपी से पूछताछ की गई थी।

सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप..

तत्कालीन थाना प्रभारी पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। घटना के वक्त वह भोगांव थाना प्रभारी थे। कुछ दिन पहले एसआईटी की जांच में उन्हें काम में ढिलाई और लापरवाही का दोषी पाया गया था और चरित्र पंजी में निंदा लेख दर्ज किया गया था। वहीं एक एसआई पर कार्रवाई की तलवार भी लटकी हुई है। सीओ सिटी अभय नारायण राय ने बताया कि क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर पहुप सिंह को उच्चाधिकारियों ने सस्पेंड कर दिया है।

15 सितंबर, की सुनवाई में कोर्ट ने मामले कि जांच में लापरवाही और देरी पर सवाल किया था, लेकिन कोर्ट में मौजूद जांच अधिकारी भी आरोपी से पूछताछ में हो रही देरी के बारे में कुछ नहीं बता सके। अदालत ने पाया था कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोपों के बावजूद जांच में लापाईवाही हुई, और यह गंभीर चूक है। इसके बाद कोर्ट ने डीजीपी को गुरूवार को तलब किया था। जिसके बाद इस मामले में अब नए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

 

 


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