पीएम के जन्मदिन पर ‘राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस’ ट्वीटर पर हुआ ट्रेंड! विपक्ष ही नहीं आम लोगों ने भी उठाया सवाल!

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 71वां जन्मदिन है। जहां एक तरफ उन्हें बड़े-बड़े सेलिब्रेटी से जन्मदिन की शुभकामनाएं मिल रहीं हैं। वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष के साथ-साथ जनता भी इसे राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में माना रही है। एक ओर नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर बीजेपी 20 दिनों का सेवा और समर्पण अभियान चलाने की तैयारी कर रही है तो दूसरी ओर यूथ कांग्रेस आज के दिन को ‘राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस’ के तौर पर मनाते हुए प्रदर्शन कर रही है। आज के दिन #HappyBdaymodiji के साथ-साथ ही #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस, #मोदी_रोज़गार_दो जैसे टॉपिक भी ट्रेंड हो रहे हैं।

बता दें की ट्वीटर यूजर राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस के हैशटैग के साथ दो करोड़ नौकरियां कहां हैं ? जैसे सवाल भी पूछ रहे है। सवाल के साथ पीएम पर कटाक्ष भी किए जा रहे हैं। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. और रिटायर्ड IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भी मोदी पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किए है।

श्रीनिवास बी.वी. और पूर्व आइएएस ने लिखा..

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पीएम पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि देश अपने पीएम को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस की शुभकामनाएं दे रहा है। वहीं, पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा “याद रखिए, आज शाम 6 बजे। घण्टे, घड़ियाल, ताली, थाली, टीन, टप्पर बजा गूंगी, बहरी मोदी सरकार के कान खोलेगा, बेरोजगार युवा। मशाल जुलूस निकाल, पुतला दहन कर युवा सरकार की बंद आंखें खोलेगा। मोदी रोजगार दो,के नारे लगेंगे। युवा शक्ति जिंदाबाद। #मोदी_रोजगार_दो।”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा,” सम्राट तुम्हें नौकरी दे देगा तो उसके जुमले कौन सुनेगा। #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस”

एक और ट्वीट करते हुए पूर्व आईएएस ने सरकार की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) योजना पर चुटकियां ली और लिखा, ” ओलंपिक विजेता अपने अपने मोमेंटो लेकर PM से मिलने गए थे, आज खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री कार्यालय उन्हें भी बेचने जा रहा है। अब ओलम्पियंस के तोहफे भी नहीं छोड़ेंगे? बेचने की लत बड़ी ख़राब है भाई।”

देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए किया जा रहा..

पीएम के जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस पार्टी की यूथ विंग ने विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान करते हुए कहा कि इंडियन यूथ कांग्रेस 17 सितंबर को ‘राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस’ के रूप में मनाएगी। जारी बयान में कहा गया कि ऐसा देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए किया जा रहा है।

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा था, ”मोदी सरकार 2 करोड़ रोजगार प्रति वर्ष देने के बड़े-बड़े वादे कर सत्ता में आई थी, पर आज केंद्र सरकार रोजगार के मुद्दे पर पूरी तरह मौन है. देश में एक साल में बेरोजगारी दर 2.4 प्रतिशत से बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गई है. सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है.”

श्रीनिवास बी.वी. ने एक ट्वीट में मीडिया से भी सावल किया उन्होंने लिखा,” नमस्कार भारतीय मीडिया, क्या आप इस देश के युवाओं के साथ मोदी जी का जन्मदिन या #राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस / #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस मना रहे हैं? बेरोज़गारी के मुद्दे पर पहले से ही 1 मिलियन से अधिक ट्वीट, अगर पत्रकारिता जीवित है तो तथ्यों की रिपोर्ट करें।”

ट्वीट यूजर्स ने प्रधानमंत्री को दी बेरोजगार दिवस की बधाई..

आम जनता की बात करे तो कई ट्वीट यूजर्स ने प्रधानमंत्री की तस्वीरों का इस्तेमाल कर तमाम फनी मीम्स भी बनाए हैं। जिसके साथ वह राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस, मोदी रोज़गार दो जैसे हैशटैग का उपयोग कर रहे है।

राम तीरथ (@IESramteerath) नाम के यूजर ने एक अखबार की खबर के हवाले से बताया कि अगस्त महीने में 15 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां गईं। ग्रेजुएट बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं।

ट्रेंड के बीच मुकाबला…

ट्विटर पर भी ट्रेंड के बीच रेस चल रही थी ।  राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस ट्रेंड ज्यादा ट्रेंड कर  रहा था,  हैप्पी बर्थडे मोदी जी पीछे रह गया। यहां तक की अखंड पनौती दीवार जैसे हैशटैग भी इस ट्रेंड की रेस में ट्रेंड होते रहे। इसके अलावा जुमला दिवस और श्री नरेंद्र मोदी का ट्रेंड भी लगातार रेस में बना रहा।

जुमला दिवस
वहीं  युवा हल्ला बोल के बयान में कहा गया है कि  बेरोज़गारी को बहस के केंद्र में लाने वाले ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम की अपील पर प्रधानमंत्री के जन्मदिन को देशभर में ‘जुमला दिवस’ के तौर पर मनाया गया। इस दौरान बेरोज़गारी, महँगाई और निजीकरण के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। बेरोज़गार युवाओं में विशेष तौर पर उत्साह देखा गया, साथ ही बैंककर्मियों ने भी भारी संख्या में प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
लगातार दूसरे साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर पर जुमला दिवस, बेरोज़गार दिवस समेत कई तरह के विरोध प्रदर्शन देखे गए। कार्यक्रम तो कई राज्यों में हुए लेकिन ‘जुमला दिवस’ का कार्यक्रम मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड के जिलों में आयोजित हुआ। इस अवसर पर कहीं ताली थाली बजायी गयी, कहीं जुमला केक काटा गया तो कहीं बेरोज़गारी मार्च निकाली गयी।
अनुपम ने बताया गया कि ‘जुमला दिवस’ मनाने के पीछे मोदी जी पर व्यक्तिगत प्रहार करने की मंशा नहीं है। व्यक्तिगत तौर पर तो हम उनकी लंबी आयु की शुभकामना देते हैं और ईश्वर से सद्बुद्धि और संवेदनशीलता देने की भी कामना करते हैं। लेकिन राजनेताओं के व्यक्तिगत जीवन में ही राजनीतिक संदेश होता है। जिस तरह किसी नेता की पहचान किसानों से होने पर उनकी जयंती किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिनकी शिक्षकों से रही तो शिक्षक दिवस और जिनका बच्चों से प्यार रहा तो बाल दिवस। उसी तरह मोदी जी की सबसे मजबूत पहचान आज “जुमलों” से होती है। बेरोज़गार युवाओं, सरकारी कर्मचारियों, मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं सबको किए वादे आज जुमला साबित हुए हैं।