भारत ने 75 साल मे जो बनाया, उसे मोदी ने दोस्त पूँजीपतियों को बेच दिया-राहुल


राहुल गांधी ने कहा, “नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि ’70 साल में कुछ नहीं हुआ’ और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया।” और लिस्ट बता रही है कि किसे ये सब गिफ्ट किया जा रहा है। वे चंद उद्योगपति हैं, पीएम मोदी के दोस्त।


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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी ने आज मोदी सरकार की सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों पर देने की नीति पर तगड़ा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार चंद पूँजीपतियों के एकाधिकार के लिए काम कर रही है।

मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता कहा कि, “प्रधानमंत्री ने अपने चार दोस्तों को देश बेच दिया है।” नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं, ऐसे पूँजीपतियों के लिए काम करने वाले उपकरण हैं।

राहुल गांधी ने कहा, “नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि ’70 साल में कुछ नहीं हुआ’ और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया।” और लिस्ट बता रही है कि किसे ये सब गिफ्ट किया जा रहा है। वे चंद उद्योगपति हैं, पीएम मोदी के दोस्त।

ग़ौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार की नेशनल इनफ्रास्ट्र्क्चर पाइपलाइन (NIP) का ऐलान किया है जिसके तहत चार साल तक प्रतिवर्ष डेढ़ लाख करोड़ की राजस्व कमाई सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में देकर की जाएगी। यानी छह लाख करोड़ रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य है।

राहुल गाँधी ने कहा कि छह लाख करोड़ में सौ लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति  निजी हाथों में चालीस साल के लिए दी जा रही है जिससे कुछ पूँजीपतियों का एकाधिकार हो जाएगा। इससे बड़े पैमाने पर नौकरियाँ जायेंगी और आरक्षित वर्गों का भी नुकसान होगा।

राहुल गांधी ने कहा, “हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी निजीकरण योजना का तर्क था। हमने रणनीतिक उद्योगों का निजीकरण नहीं किया और हम रेलवे को रणनीतिक उद्योग मानते हैं क्योंकि यह लाखों और करोड़ों लोगों को परिवहन करता है और बहुत से लोगों को रोजगार भी देता है।”

उन्होंने कहा, “हमने लंबे समय से घाटे में चल रहे उद्योगों का निजीकरण किया। हमने उन कंपनियों का निजीकरण किया जिनकी बाजार हिस्सेदारी न्यूनतम थी। हमने किसी विशेष क्षेत्र में निजी क्षेत्र के एकाधिकार को रोकने की क्षमता वाले सरकारी उद्यमों का निजीकरण नहीं किया।” राहुल गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी असंगठित क्षेत्र को ख़त्म करने में जुटे हुए हैं।