बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (एचएएम) के प्रमुख जीतन राम मांझी एक बार फिर अपने विवादित बयान के कारण चर्चा में हैं। मांझी ने भगवान राम को एक काल्पनिक चरित्र बताया है। दरअसल, बुधवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने भगवान वाल्मीकि को श्रद्धांजलि दी और इसके बाद यह विवादित बयान दिया।
यह मेरा निजी विचार है: मांझी
मांझी ने कहा कि महाकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि राम से हज़ारों गुना बड़े थे। उन्होंने दोहराया कि भगवान राम एक काल्पनिक चरित्र थे। हालांकि मांझी ने आगे कहा कि यह उनका निजी विचार है और वह किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते।
पिछले महीने भी दिया था विवादित बयान..
बता दें कि इसे पहले भी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष मांझी रामायण को लेकर विवादित बयान दे चुके हैैं। पिछले महीने ही सितंबर में मांझी से पटना में मीडिया ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करने के बारे में एक सवाल पूछा था। तब उन्होंने जवाब में रामायण को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता बताई थी, लेकिन साथ ही कहा था- ‘रामायण की कहानी सत्य पर आधारित नहीं है’। उन्होंने कहा था वे इस बात को भी नहीं मानते कि श्री राम महापुरुष थे। उस समय भी मांझी ने रामायण को एक काल्पनिक पुस्तक के रूप में वर्णित किया था।
कश्मीर में सरकार के प्रयासों का नहीं दिख रहा परिणाम..
दिल्ली में अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रमुख जीतन राम ने भाजपा सरकार पर भी कश्मीर को लेकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर में शांति स्थापित करने के प्रयास कर रही है, लेकिन परिणाम दिखाई नहीं दे रहे हैं।