बारपेटा (असम) में भी जिग्नेश को ज़मानत
कांग्रेस को समर्थन दे रहे, गुजरात विधानसभा के एमएलए, जिग्नेश मेवानी को पिछले हफ्ते असम पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए दूसरे मामले में भी स्थानीय कोर्ट से ज़मानत मिल गई है। असम के बारपेटा की स्थानीय अदालत ने, उनको एक महिला पुलिसकर्मी के साथ अभद्रता और और हमले के आरोप में ज़मानत दे दी है।
कब होंगे रिहा
माना जा रहा है कि उनको शुक्रवार की देर शाम या फिर शनिवार की सुबह जेल से रिहा किया जा सकता है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि उनके वकील, असम पुलिस या फिर उनकी ओर से नहीं हुई है। उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है, जिसमें उनकी ज़मानत की ख़बर साझा करते हुए, 1 मई को उनके द्वारा घोषित ‘जेल भरो आंदोलन’ के आह्वान के, फिलहाल जारी रहने की बात कही गई है।
जिग्नेश मेवाणी को असम के दो थाने में दर्ज हुए बनावटी मामलों में ज़मानत मिल चुकी है।
जब तक जिग्नेश मेवाणी बहार नहीं आ जाते और उनके खिलाफ और किसी बनावटी शिकायत दर्ज न होने की खबर न आये तब तक 1 मई को ‘जेल भरो आंदोलन’ का कॉल जारी रहेगा।
ये आँधी अब नहीं रुकेगी! #JigneshMevani
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) April 29, 2022
मामला क्या था?
जिग्नेश पर असम पुलिस ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर की गई एक ट्वीट के मामले में मुकदमा दर्ज कर के गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारी 20 अप्रैल को हुई थी और उन्हें असम पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया था। इस मामले में उनको कोकराझार अदालत में पहली पेशी में ही ज़मानत मिल गई थी। लेकिन उसी समय असम पुलिस ने उन पर एक महिला पुलिसकर्मी से अभद्रता का नया मामला दर्ज कर के उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जिस मामले में भी उनको पहली ही पेशी में ज़मानत दे दी गई है।