योगी आदित्यनाथ की छवि के लिए मुसीबत बनेंगे चंद्रशेखर!

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आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद रावण ने गोरखपुर शहरी सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। यानी चंद्रशेखर योगी आदित्यनाथ के गढ़ में उन्हें चुनौती देने को तैयार हैं।

यहां ये बता दें कि चंद्रशेखर रावण ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन की इच्छा जताई थी लेकिन गठबंधन न होने के बाद उन्होंने कहा कि वो योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लड़ेंगे। हालांकि गोरखपुर से उन्हें कितना फायदा मिलेगा इस आंकड़े पर नज़र डालें तो हकीकत कुछ और ही है।

बात करें बीएसपी की तो पिछले चार में से तीन बार तीसरे नंबर पर और एक बार चौथे पर रही थी। यही कोर वोट चंद्रशेखर आजाद का भी है जो बीएसपी का है। ऐसे में गोरखपुर शहर से बीएसपी भी अपने उम्मीदवार खड़े करती है तो ये वोट भी बंट जाएगा। इन सबके बीच सोचिए कि चंद्रशेखर आजाद की जीत की उम्मीद ना के बराबर है। फिर वे चुनाव क्यों लड़ रहे हैं?

दलित समुदाय के बीच मैसेज..

एक रिपोर्ट के अनुसार, गोरखपुर के पत्रकार मनोज कुमार सिंह कहते हैं, एसपी से गठबंधन नहीं होने पर चर्चा हुई कि कहीं चंद्रशेखर ने बीजेपी से तो साठगांठ नहीं कर ली। अब योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने के फैसले से उनके खिलाफ बनती छवि भी साफ हो जाएगी।

इसके अलावा एक मामला खुद को मायावती के एक विकल्प के रूप में स्थापित करने का भी हो सकता है। चंद्रशेखर की छवि युवा दलितों में एक लड़ने वाले और दलित प्राइड को हमेशा ऊपर रखने वाले नेता की रही है। पिछले सालों में मायावती की बीएसपी से ज्यादा दलित हकों के लिए चंद्रशेखर रावण मीडिया सुर्खियों में रहे। उन्होंने आंदोलन किया, सड़कों पर उतरे। लाठी खाई और जेल भी गए और अब सीधे सीएम योगी को चैलेंज करने पहुंच गए। ऐसे में दलित समुदाय के बीच मैसेज जाएगा कि हमारा एक लड़ाकू नेता दलित प्राइड के लिए सीधा सीएम को चुनौती दे रहा है। हालांकि चुनाव में किसको क्या फायदा नुकसान होगा ये तो 10 मार्च के बाद ही पता चलेगा।


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