मोदी को औरंगज़ेब का सहारा, वरना नाले का पानी पी रहे गुजराती, उन्हें पानी पिला देंगे !



क्या बहुप्रचारित ‘गुजरात मॉडल’ में आम आदमी की ज़िंदगी की बेहतरी शामिल है। या फिर यह उद्योगपतियों और आँकड़ों से जुड़ी बाज़ीगरी ही है। चुनाव के समय कारोबारी मीडिया का पूरा ज़ोर जीत-हार, या राजनीतिक समीकरणों पर लगा है, लेकिन अपेक्षाकृत छोटे समाचार समूह, ख़ासतौर पर वेबासाइट के ज़रिए काम करने वाले गुजरात की  असल तस्वीर सामने ला रहे हैं।

गो न्यूज़ के इस वीडियो को देखकर हैरानी होती है कि द्वारका जैसी नगरी में लोगों को साफ़ पानी उपलब्ध नहीं है। हफ्ते भर में एक दिन पानी आता है, और बाक़ी समय नाले के पानी से गुज़ारा करना पड़ता है। इस वीडियो को देखिए और सोचिए कि जिस गुजरात मॉडल को मोदी जी ने पूरे देश को बेच दिया, उसकी हक़ीक़त क्या है। यह भी समझ आएगा कि मोदी जी औरंगज़ेब, खिलजी और गालीगलौच को मुद्दा क्यों बना रहे हैं वरना पानी का मुद्दा उन्हें पानी पिला देेगा।

यह मोदी छाप राजनीति की ख़ासियत है। बाक़ी समय विकास की रट लगाने वाले मोदी जी चुनाव आते ही श्मशान-कब्रिस्तान पर पहुँच जाते हैं। दिलों में दरार डालकर सत्ता से दूरी पाटने का उनका यह दाँव देश को बहुत महँगा पड़ रहा है।