किसान आंदोलन: विजय के साथ लौटे अन्नदाता, 13 को श्री हरमंदिर साहिब में टेकेंगे माथा

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पीछले साल से चल रहा किसानों का आंदोलन 378वें दिन यानी 9 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में चर्चा के बाद वापस लिया गया। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद सरकार को उनकी मांगे माननी ही पड़ी। किसानों ने फैसला किया था की 11 दिसंबर को वह लौट जायेंगे। कल से ही सिंघू बॉर्डर का नजारा जश्न की तरह था और सभी घर लौटने की तैयारी में जुटे थे। कुछ किसानों ने कल से ही जाना भी शुरू कर दिया। बहुत से किसान आज जीत के पूरे जश्न, गाजे बाजे के साथ विजय रैलियां निकलते हुए अपने आशियाने को लौट गए। हालांकि, पूरी तरह किसानों के घर लौटने में चार-पांच दिन लगेंगे।

 15 को घर जाऊंगा: राकेश टिकैत

गाजीपुर सीमा पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि “किसानों का एक बड़ा दल कल सुबह आठ बजे क्षेत्र खाली कर देगा। आज की बैठक में हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे।  साथ ही हम उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने हमारी मदद की।  हमारे किसान भाइयों ने घर वापसी शुरू कर दी है, इसमें चार-पांच दिन लगेंगे। मैं 15 दिसंबर को अपने घर के लिए निकलूंगा।”

सुबह सबसे पहले किसानों ने अरदास की और लंगर चला..

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा था कि किसान शनिवार को देश भर के सभी बॉर्डर पॉइंट, टोल प्लाजा और विरोध स्थलों पर विजय मार्च निकालेंगे। इसके बाद वे अंत में साल भर के विरोध प्रदर्शन के समापन के अवसर पर घर लौट जाएंगे। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के आंदोलन के बाद किसान दिल्ली सीमा से अपने घरों की ओर बढ़ गए। उस भूमि की ओर बढ़ गए, जिसमें उनका जीवन बस्ता है। किसान जीत कर लौटें हैं। काले कानूनों पर सरकार को झुकने कर लौटें हैं।

आज जश्न और खुशी के साथ आंखों में अंशु भी होंगे ज़ाहिर है साल भर से भले ही किसान आंदोलन कर रहे हैं। भले ही सरकार से नाराज़गी हो लेकिन हजारों अंजान किसान एक दूसरे से बिना जान पहचान कंधे से कंधा मिला कर सरकार के खिलाफ आंदोलन में साथ खड़े रहे। ऐसे में खुशी के साथ एक दूसरे से बिछड़ने का गम भी बेशक होगा। आज विजय रैलियां के जश्न में शामिल होने के लिए पंजाब और हरियाणा से करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान कुंडली पहुंचे। बॉर्डर पर बचे किसानों ने सामान की पैकिंग का काम पूरा कर लिया और वह रवाना होने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए। शनिवार सुबह के समय ही किसानों का प्रस्थान शुरू हो गया, लेकिन सुबह सबसे पहले किसानों ने अरदास की और लंगर चलाया गया।

15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक..

शुक्रवार को भी सिंघू बॉर्डर पर बहुत सारे किसान संगठन ट्रैक्टरों में सामान लादकर रवाना हो गए। बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों की आवाजाही से ट्रैफिक जाम भी हुआ। इसी लिए आज जीटी रोड पर जाम की आशंका को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग खेमे में निकलने का फैसला किया, लेकिन बावजूद इसके  ट्रैफिक जाम रहा। आपको बता दें कि किसानों ने सुबह 10:30 बजे से जाना शुरू किया। अब 13 दिसंबर को किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाएंगे और माथा टेकेंगे। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक 15 दिसंबर को दिल्ली में होगी। किसानों ने स्पष्ट किया है कि वे आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं क्योंकि किसान संयुक्त मोर्चा उन प्रस्तावों की समीक्षा करेगा जिन्हें अभी तक पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है। यदि किसानों की मांगें लंबे समय तक लंबित रहीं तो आंदोलन फिर से शुरू हो जाएगा।