आज कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र प्रेसवार्त्ता कर अपनी घोषणापत्र जारी कर दिया है. जिसका नाम ‘बदलाव पत्र’ है. प्रेसवार्त्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, नेता राज बब्बर समेत अन्य नेता मौजूद थे. शक्ति सिंह गोहिल ने प्रेसवार्त्ता को संबोधित करते हुए कहा, “हमने बदलाव पत्र बनाने से पहले बिहार में हर बिहारवासी के दिल की बात सुनने की कोशिश की है. जिसका वजूद पूरे देश में बहुत बढ़िया रहता था. चाहे फर्टीकल्चर हो, चीनी हो, चावल हो, मधुबनी की मिथिला पेंटिंग हो या शिक्षा हो. उस बिहार को बुरी तरह से चोट लगी है. एक बदलाव ला के हम बिहार की खोयी हुई गरिमा-प्रतिष्ठा को वापस लायेंगे. देश के जाने-माने फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेकर और बिहार के बजट से तुलना करके हमने अपने घोषणापत्र वही बात रखी हैं, जो हम कर सकते हैं. बाद में यह नहीं कहेंगे कि वो तो जुमला था. यह कहने की जरुरत नहीं पड़ेगी. हम जो कहते हैं, वो करते हैं.”
साथ ही, एक विडियो क्लिप चलाकर ‘बिहार के किसानों के लिए कांग्रेस का बदलाव-संकल्प’ जारी किया गया. जिसमें राज्य में ट्रेक्टर का रजिस्ट्रेशन मुक्त, किसानों के लिए स्वास्थ्य बिमा का प्रावधान, कृषि विकास और योजना आयोग की स्थापना, छोटे किसानों को 4% के ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध की घोषणा किया गया.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वार्त्ता को आगे बढ़ाते हुए कहा, “सत्य यह है कि बिहार बदलाव माँगता है. बिहार विकास की असीम सम्भावनाएं तलाशता है. बिहार उज्जवल भविष्य का उद्धोष चाहता है. बिहार रोजगार चाहता है. बिहार औद्योगिक तरक्की चाहता है. बिहार फसल के दाम चाहता है. बिहार शिक्षा और स्वास्थ्य में तरक्की चाहता है. बिहार पेयजल और सस्ती बिजली का अधिकार चाहता है. बिहार अपराधियों की सरपरस्ती से मुक्ति चाहता है. बिहार बदहाली की जंजीरों को तोडना चाहता है. बिहार स्वर्णिम तरक्की की नई इमारत चाहता है, नई सोच, नया रास्ता, नया तेज़ चाहता है. करवट ले रहा है. बदल रहा है इसीलिए हम सब ने कहा, बोले बिहार..बदलें सरकार.”
आगे उन्होंने बिहार के जनता के लिए 12 नई योजनाओं की घोषणा की, जिसमें-
1. राजीव गाँधी कृषि न्याय योजना – 2 एकड़ से कम भूमि वाले छोटे किसान के खाता में सीधे पैसा दिया जायेगा
2. पानी का अधिकार (सरदार पटेल पेयजल योजना)
3. डॉ. राजेंद्र प्रसाद वृद्ध सम्मान योजना – कल व विधवा महिलाओं के लिए 800 रूपये प्रति माह के हिसाब से पेंशन दी जाएगी.
4. 80 साल से अधिक वृद्ध (पुरुष और महिला दोनों) के लिए 1000 रूपये मासिक
5. KG-PG तक बिहार की बेटियों के लिए शिक्षा मुक्त
6. श्री कर्पूरी ठाकुर सुविधा केंद्र योजना – बिहार से बाहर पलायित कामगारों के लिए हरेक शहर में अलग-अलग अनिवार्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी.
7. श्री कृष्णा सिंह खिलाडी प्रोत्साहन योजना – 5वीं से 12 वीं तक स्पोर्ट्स एबिलिटी टेस्ट जिसमें से पहले 50 अब्बल आएं बच्चों में से प्रथम तीन को एक हजार और बाकि को 500 रुपया प्रति माह एक साल तक दिया जायेगा.
8. पदक लाओ, पद पाओ – बिहार का युवा अगर अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता- एशिया गेम, ओलंपिक गेम, अन्य रैंकिंग गेम- में पदक लायेगा तो वगैर इंटरव्यू को उसे DSP, इंस्पेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर आदि पद पर नौकरी दिया जायेगा.
9. माँ सावित्रीबाई फुले योजना- बिहार के अनुसूचित जाति या जनजाति की बेटियों के बिहार या देश में कहीं भी उच्च ग्रेडिंग संस्थानों में पढ़ने का 80% खर्चा महागठबंधन की सरकार उठाएगी.
10. बाबु जगजीवन पेय जल योजना – बिहार के अनुसूचित जाति या जनजाति के घर में मुफ्त में 100 लीटर की पानी टंकी और नल लगाया जाएगा
11. इंद्रा गाँधी कन्या विवाह योजना – बिहार के अनुसूचित जाति या जनजाति की बेटियों की शादी पर 21 हज़ार रुपया महागठबंधन की सरकार देगी.
12. राजीव गाँधी रोजगार मित्र योजना – हर गाँव के अंदर एक रोजगार मित्र नियुक्त होगा,जो युवाओं को रोजगार देने मैं, उद्योग लगाने में सरकार मदद करेगा
13. सियाराम तीर्थाटन योजना
14. बौद्ध आध्यात्म पर्यटन योजना
15. जैन शक्ति केंद्र योजना
16. बिहार देवालय यात्रा योजना
17. सूफी विकास योजना
राज बब्बर ने एक महत्वपूर्ण व महत्वाकांक्षी योजना पर बोलते हुए कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री साहब ने एक नई कीर्तिमान स्थापित किया है रोजगार न देने के क्षेत्र में. इसीलिए आज इस बदलाव पत्र में ये रोजगार योजना एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना के अंतर्गत मात्र यही नहीं है कि सिर्फ रोजगार का वादा होगा बल्कि नई रोजगारों के लिए सर्वें होंगे. हर क्षेत्र में कैंप लगाया जायेगा और सर्वें करने के बाद क्षेत्र अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. साथ ही, जिन लोगों को रोजगार नहीं मिल पायेगा, उन युवाओं को 1500 रूपये मासिक दिया जायेगा. ताकि वह अपनी तैयारी कर सकें, पढाई जारी रख सकें, जब तक कि रोजगार नहीं मिल जाता.”
इसके अलावा बिहार की पांच क्षेत्रीय भाषा मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, बज्जिका और मगही को बढ़ोत्तरी और प्रोत्साहन की बात की गयी है.
हालांकि इस पूरे कैंपेन की दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस ने अपने वीडियोज़ से लेकर, घोषणापत्र तक – लगातार राहुल गांधी के वीडियोज़ और तस्वीरों का सबसे अधिक इस्तेमाल किया है. जबकि तकनीकी तौर पर बात की जाए – तो कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, न कि राहुल गांधी. राहुल गांधी न तो महागठबंधन के आधिकारिक तौर पर नेता हैं, न ही कांग्रेस के किसी भी पद पर. न ही राहुल, बिहार के प्रभारी हैं और ज़ाहिर है कि किसी भी हाल में वो बिहार के सीएम पद का चेहरा भी नहीं हो सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस के ख़िलाफ़, भाजपा-एनडीए के लिए फिर से ये मौका छोड़ दिया गया है कि वे वंशवाद का आरोप लगाएं. ज़ाहिर है कि कांग्रेस को सोचना होगा कि या तो वह राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए मना ले या फिर उनकी छवि पर चुनाव लड़ने का सपना देखना कुछ दिन छोड़ दे.