आख़िर यूपी में कांग्रेस का इरादा क्या है: 700 कैंपों में दो लाख पदाधिकारियों का प्रशिक्षण!


इससे पहले 19 से 21 अगस्त के बीच कांग्रेस ने आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ पर तीन दिन का जय भारत जनसंपर्क अभियान चलाया। इस अभियान के तहत यूपी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत सभी बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 75 घंटे तक गाँव-बस्तियों में प्रवास किया जिससे पार्टी को लेकर नए सिरे से चर्चा शुरू हुई। अब पार्टी ने हर गाँव कांग्रेस अभियान शुरू किया है जिसके तहत अगले 20 दिनों में 58 हज़ार गाँवों में कांग्रेस के ग्रामसभा अध्यक्ष बनाये जायेंगे।


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यूपी की राजधानी लखनऊ के मॉल एवेन्यू के 9 नंबर बंगले में में 27 अगस्त को हुई बीएसपी सुप्रीमो मायावती की प्रेस कान्फ्रेंस के निशाने पर आश्चर्यजनक रूप से 10 नंबर बंगले में हो रही गतिविधियाँ थीं। यह बंगला यानी 10, मॉल एवेन्यू उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का दफ्तर है जिसे राजनीतिक पंडित आमतौर पर तवज्जो नहीं देते थे। लेकिन आजकल यहाँ रात-दिन गतिविधियाँ देखी जा रही हैं। यहाँ कार्यकर्ताओं के बीच बाँटी जा रही एक बुकलेट ने मायावती को गुस्सा दिला दिया।

‘किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश’ शीर्षक से किसी कांग्रेस समर्थक द्वारा बाँटी गयी इस बुकलेट में बीते 32 सालों में यूपी की बेहाली के लिए बीजेपी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी को भी ज़िम्मेदार ठहराया गया है। इसमें भाजपा के कुशासन के आंकड़ों के अलावा समाजवादी पार्टी की कुनबापरस्ती को निशाना बताते हुए मायावती को दौलत की बेटी बताया गया है। कांग्रेस के इस तेवर ने मायावती के साथ समाजवादी पार्टी को भी नाराज़ कर दिया है। ।

कांग्रेस का ये तेवर बताता है कि कांग्रेस अगला विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर ही लड़ने जा रही है, या कम से कम सपा या बसपा जैसी बड़ी विपक्षी पार्टियों से उसका समझौता नहीं होने वाला। प्रियंका गाँधी के यूपी प्रभारी होने के बाद कांग्रेस में तेज़ हुई हलचलों ने कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरा है। कांग्रेस को पूरे राज्य में खड़ा करने के आलाकमान के फ़ैसले पर भरोसा बढ़ा है।

इस बढ़े हुए भरोसे के पीछे कांग्रेस को सांगठनिक रूप से मज़बूत करने और वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध कैडर तैयार करने का स्पष्ट कार्यक्रम है। इस समय पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के वैचारिक प्रशिक्षण का वृहत कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षकों की सात टीमें लगातार प्रशिक्षण के काम मे लगी हुई हैं। प्रशिक्षण ले रहे पदाधिकारियों को कांग्रेस के इतिहास, संघ और भाजपा के देश विरोधी अतीत, बूथ मैनेजमेंट और सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल पर गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही ‘किसने बनाया उल्टा प्रदेश‘ नाम के प्रशिक्षण सत्र मे भाजपा, सपा और बसपा के शासन काल मे उत्तर प्रदेश को किस तरीके से बर्बाद किया गया-पर जानकारी दी जा रही है।

कांग्रेस के संगठन सचिव अनिल यादव ने बताया कि अब तक ‘प्रशिक्षण से पराक्रम’ अभियान के तहत यूपी के 42 जिलों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस महाभियान में कुल 700 प्रशिक्षण कैंप आयोजित किए जाएंगे जिसमें दो लाख पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। रविवार को छठवें दिन मैनपुरी, बांदा, मुजफ़्फ़र नगर, चंदौली, अमेठी, कासगंज और बस्ती जिले में यह प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ जिसमें पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।

इससे पहले 19 से 21 अगस्त के बीच कांग्रेस ने आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ पर तीन दिन का जय भारत जनसंपर्क अभियान चलाया। इस अभियान के तहत क़रीब एक करोड़ लोगों से संपर्क किया गया। यूपी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत सभी बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 75 घंटे तक गाँव-बस्तियों में प्रवास किया जिससे पार्टी को लेकर नए सिरे से चर्चा शुरू हुई। अब पार्टी ने हर गाँव कांग्रेस अभियान शुरू किया है जिसके तहत अगले 20 दिनों में 58 हज़ार गाँवों में कांग्रेस के ग्रामसभा अध्यक्ष बनाये जायेंगे।

कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गाँधी इन तमाम अभियानों की खुद निगरानी कर रही हैं। उन्होंने प्रशिक्षण शिविरों को ऑनलाइन संबोधित भी किया है। कार्यकर्ताओं में इसे लेकर खासतौर पर उत्साह है कि संगठन निर्माण और विकास के मसले को प्रियंका गाँधी ने अपने हाथ में ले रखा है। चर्चा है कि जल्द ही प्रियंका गाँधी का उत्तर प्रदेश में सघन दौरा शुरू होगा।

32 साल से यूपी की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस की इस तेज़ी और तैयारी पर विधानसभा के सामने स्थित बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय पर बारीक़ नज़र रखी जा रही है। वहाँ मौजूद दिग्गज जानते हैं कि कांग्रेस की ओर अगर यूपी में आकर्षण बढ़ा तो फिर यूपी की विधानसभा में फिर झंडा फहराना उसके लिए मुश्किल होगा। यूपी में मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो बीजेपी से नाराज़ होकर सपा या बसपा को वोट नहीं देता, लेकिन कांग्रेस उसके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। इसके अलावा प्रियंका गाँधी की अपील भी बीजेपी नेताओं को परेशान कर रही है।