कांग्रेस के उदयपुर चिंतन का कैसा नवसंकल्प – न नए चेहरे, न महिलाएं?

मयंक सक्सेना मयंक सक्सेना
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कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर के नतीजे के तौर पर एक चिट्ठी सामने आई है, चिट्ठी में 3 नई टीमों का एलान है लेकिन 3 नई टीमों में चेहरे ज़्यादातर पुराने हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के द्वारा जारी की गई चिट्ठी में इन तीन टीमों – पॉलिटिकल अफेयर्स ग्रुप, टास्क फोर्स 2024 और सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप फॉर भारत जोड़ो यात्रा के नाम और उनके सदस्यों की सूची दी गई है।

क्या है चिट्ठी में?

ये चिट्ठी जारी हुई है, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से लेकिन इसमें कहा गया है कि ये कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई टीमों का एलान है। ये टीमें, राजनैतिक मामलों पर पार्टी के स्टैंड, 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विज़न और रणनीति और अक्टूबर में होने वाली भारत जोड़ो यात्रा के सफल क्रियान्वयन के लिए काम करेंगी।

इसके अलावा ये पत्र कहता है कि इन टीमों के अलग-अलग सदस्यों पर अलग-अलग ज़िम्मेदारी होगी, जैसे कि संगठन, संपर्क, मीडिया, आउटरीच, वित्त और चुनाव प्रबंधन। हर सदस्य के पास अपनी एक टीम होगी, जिसका एलान जल्द ही किया जाएगा।

कौन-कौन हैं इन टीमों के सदस्य?

पॉलिटिकल अफेयर्स ग्रुप

इस टीम में 8 सदस्य हैं;

  1. राहुल गांधी
  2. दिग्विजय सिंह
  3. अंबिका सोनी
  4. मल्लिकार्जुन खड़गे
  5. ग़ुलाम नबी आज़ाद 
  6. आनंद शर्मा
  7. केसी वेणुगोपाल
  8. जितेंद्र सिंह 

टास्क फोर्स – 2024

इस टीम में भी 8 सदस्य हैं;

  1. पी चिदंबरम 
  2. मुकुल वासनिक
  3. जयराम रमेश
  4. केसी वेणुगोपाल
  5. अजय माकन
  6. प्रियंका गांधी वाड्रा 
  7. रणदीप सिंह सुरजेवाला
  8. सुनील कानुगोलु

सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप फॉर कोऑर्डिनेशन ऑफ ‘भारत जोड़ो यात्रा’

भारत जोड़ो यात्रा की योजना और संयोजन देखने वाली, इस टीम में 9 सदस्य हैं;

  1. दिग्विजय सिंह
  2. सचिन पायलट
  3. शशि थरूर
  4. रवनीत सिंह बिट्टू
  5. केजे जॉर्ज
  6. जोथी मणि
  7. प्रद्युत बोरदोलई
  8. जीतू पटवारी
  9. सलीम अहमद

नए चेहरे?

कांग्रेस और ख़ासकर राहुल गांधी लगातार ‘नए चेहरे’ और ‘युवा भारत’ मंत्र का जाप करते रहे हैं। ये सच भी है कि भारत में 50 फ़ीसदी से अधिक आबादी युवा है। लेकिन इन टीमों को देखकर, समझ में ये नहीं आता है कि आख़िर वो नए चेहरे, कांग्रेस की अहम टीमों में क्यों नहीं दिखते हैं? आख़िर वही पुराने चेहरे, सारे नए संकल्पों, नई रणनीतियों, नए इरादों और नए भारत का चेहरा कैसे हो सकते हैं। इसमें कोई शक़ नहीं कि वरिष्ठ नेताओं के अनुभव और समझदारी की ज़रूरत इन टीम्स में भी है लेकिन नौजवान चेहरों का बिल्कुल न होना या फिर उनके नाम पर भी उन्ही पुराने नेताओं का यहां भी जगह घेर लेना, आख़िर क्या नया संदेश देने वाला है।

इन टीम्स में महिलाएं कहां हैं?

जिन 3 टीम्स का एलान किया गया है, उनमें कुल मिलाकर 25 लोग हैं और 25 में सिर्फ 3 महिला सदस्य हैं। ये कांग्रेस ही है, जिसने उत्तर प्रदेश के चुनाव में लड़की हूं, लड़ सकती हूं अभियान चलाया था और आधे टिकट महिलाओं के दिए थे। प्रियंका गांधी ने इस अभियान का नेतृत्व किया था। तो फिर आख़िर क्या कारण है कि 2024 के चुनाव जैसे, करो या मरो के अभियान की अहम टीमों में 25 सदस्यों में सिर्फ 3 महिलाएं? यानी कि सिर्फ 12 फीसदी? हर टीम में बस 1 महिला…कहां गई चिंतन शिविर में शामिल वो ढेरों कांग्रेस की महिला नेता, कहां गई सारी महिला कांग्रेस की वो नेता जो दिन-रात पार्टी के लिए महिलाओं में पैठ बनाने में लगी हैं? कहां हैं, कांग्रेस की टीवी पर दिखने वाली तेज़-तर्रार प्रवक्ता? तो क्या कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व, महिला अध्यक्ष होने के बावजूद, महिलाओं को इस लायक नहीं मानता कि वे इस अहम काम में योगदान दे सकती हैं या फिर कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर महिलाएं नहीं हैं? उम्मीद ये होनी चाहिए कि पहले सवाल का जवाब कांग्रेस का नेतृत्व ‘न’ में देखे…और दूसरे सवाल का जवाब हम जानते हैं कि ‘न’ ही है…