उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आज़म खान की मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में दो दिन पूर्व पुलिस द्वारा अचानक छापे मारी कर सैकड़ों चोरी की किताबें बरामद किये जाने के बाद से यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी में पुलिस ने कब्ज़ा कर लिया है. किसी को भी बाहर से अंदर जाने की इजाज़त नहीं है. यूनिवर्सिटी क्षेत्र में पुलिस ने धारा 144 लगा दिया है. इस बीच राज्यसभा सांसद डॉ.तज़ीन फातमा ने #SAVE मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय मुहिम के तहत एक अपील जारी कर विवि को बचाने की अपील की है.
गौरतलब है कि, मंगलवार 30 जुलाई को रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा के नेतृत्व में जौहर विवि में छापेमारी की घटना हुई थी. पुलिस टीम सीधे मुमताज सेंट्रल लाइब्ररी पहुंची और अंदर से गेट बंद कर करीब पांच घंटे छानबीन की. इस बीच बाहर विरोध करने पर पुलिस ने एक महिला, लाइब्रेरी में तैनात दो कर्मचारी व एक अन्य को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. पुलिस का दावा है कि कार्रवाई में मदरसा आलिया से चोरी हुई करीब दो सौ हजार किताबें और कुछ फर्नीचर बरामद किया गया है.
इस दौरान छापेमारी के विरोध करने के कारण पुलिस ने आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह आज़म को हिरासत में लिया था.
Rampur: Samajwadi Party MLA Abdullah Azam Khan, son of SP MP Azam Khan, holds candle night protest in front of Mohammad Ali Jauhar University. He was detained earlier today for causing obstruction during police's search operation at University & later released on a personal bond. pic.twitter.com/KZe211mwqy
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 31, 2019
Abdullah Azam (son of Samajwadi Party MP Azam Khan) & his supporters arrested by police for violating section 144 (prohibits assembly of more than 5 people in an area) in Rampur. pic.twitter.com/A9Hpe5mWUC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 1, 2019
वहीं यूनिवर्सिटी के अध्यापक और अधिकारियों का कहना है कि पुलिस अपने साथ बाहर से एक पेटी ले गई थी, किसी को नहीं पता उसमें क्या था. यहां तक कि पुस्तकालय के लिए जो मासिक पत्रिकाएं आती हैं, पुलिस उन्हें भी चोरी का बता रही है. उनका कहना है कि पुलिस ने धमकी दी है कि कोई परिसर में नहीं आएगा, यदि कोई आया तो उसे पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
वहीं आज़म खान ने आरोप लगाया है कि पुलिस जबरन बिना वारंट यूनिवर्सिटी में घुसी और अविवाहित महिला प्रोफ़ेसर के साथ गालीगौलोच और बदसलूकी की. उन्हें सुबह 2 बजे तक पुलिस की गाड़ी में बंद रखा गया.
Azam Khan on search operation at Jauhar Univ in Rampur: Women professors were heckled&abused,they took an unmarried girl in their vehicle&kept her with them till 2 am,aren't they ashamed?Those who killed daughter of Unnao,those who are saving rapists,will they save our daughters? pic.twitter.com/yF9G2RJhkA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 31, 2019
इस बीच राज्यसभा सांसद डॉ.तज़ीन फातमा ने #SAVE मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय मुहिम के तहत एक अपील जारी कर विवि को बचाने की अपील की है.
इस अपील पत्र में डॉ.फातमा ने विश्वविद्यालय के इतिहास से लेकर वतर्मान हालात का विवरण दिया है.
वहीं सोशल मीडिया पर भी हैशटैग सेव जौहर विश्वविद्यालय चलाया जा रहा है. जिसके तहत किसी ने विवि परिसर में पुलिस की गाड़ियों की मौजूदगी का एक वीडियो शेयर कर लिखा है -ये है #जौहरविश्वविद्यालय जहाँ पुलिस लाइब्रेरी में फ़्लैग मार्च कर रही है, छात्रों में दहशत फैला रही है ताकि वो विश्वविद्यालय में पढ़ने न आये। जिले का कप्तान ज़िले में कानून व्यवस्था सम्हालने के बजाय कुछ मैगज़ीन- किताबों को भारी संख्या बल के साथ ढ़ूढ़ने निकले हैं, रिपोर्ट सीधे सरकार को देनी है ।
छात्र डॉक्टर, इंजीनियर, वक़ील बन जायेंगे तो बीजेपी और संघ का नफ़रत का एजेंडा कौन फैलायेगा।
कल जौहर विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुसकर प्रशासन ने ख़ुद ही सबके सामने ज़ाहिर कर दिया है की ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’
‘ज़मीन से शुरू और किताबों पर ख़त्म’
सच तो ये है कि ये किताबें ही आपको ख़त्म करेंगी, शिक्षा आपका असली संघी एजेंडा बेनकाब करेगी।
बाक़ी ये मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय है, वहीं अली जौहर साहब जिनकी आज़ादी की लड़ाई में गाँधी बापू के साथ बड़ी भूमिका थी। कल अंग्रेजों से हार नहीं मानी थी आज संघियों से हार नहीं मानेगा और तमाम ज़ुल्मो के बाद भी शिक्षा का मंदिर यूँ ही मज़बूती से खड़ा रहेगा।
#savejauharuniversity
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय एक निजी विश्वविद्यालय है जो रामपुर में मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त 2006 में स्थापित किया गया था इसके चांसलर समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान हैं.
यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2012 में विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया था. इस पर 28 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग (NCMEI) द्वारा अल्पसंख्यक का दर्जा मई 2013 को दिया गया था.