बिहार: रोज़गार के सवाल पर विधानसभा मार्च कर रहे छात्र-युवाओं पर लाठीचार्ज, दर्जनों घायल!

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19 लाख रोजगार की मांग को लेकर बिहार विधानसभा का घेराव करने जा रहा छात्र-युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। AISA और RYA के बैनर तल हजारों छात्र-युवा गांधी मैदान से जुलूस की शक्ल में विधानसभा की ओर जा रहे थे। लेकिन उन्हें जेपी चौक से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। पुलिस ने छात्र-युवाओं पर वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कई युवकों के सर फट गए हैं। दर्जनों छात्र-युवा बुरी तरह से जख्मी हुए हैं, जिन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।

प्रशासन ने प्रदर्शन में शामिल माले विधायकों पर भी लाठीचार्ज किया। विधायक संदीप सौरभ, अजित कुशवाहा, मनोज मंजिल, महानन्द सिंह, गोपाल रविदास और रामबली सिंह यादव छात्र-युवाओं के मार्च में समर्थन करने पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन ने उनको भी नहीं बख्शा। उनके साथ भी अपमानजनक व्यवहार किया गया।

बेहतर शिक्षा और संम्मानजनक रोजगार की मांग को लेकर विधानसभा मार्च कर रहे AISA व RYA के कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठीचार्ज किया गया। भाजपा जदयू की छात्र-युवा विरोधी नीति नहीं चलेगी। मोदी और नीतीश को शिक्षा- रोजगार की मुकम्मल व्यवस्था करनी होगी।

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और विधायक दल के नेता महबूब आलम ने आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के विधानसभा मार्च पर बर्बर पुलिसिया दमन की कड़ी निंदा की है। माले नेताओं ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में 19 लाख रोजगार के किये गए अपने वादे से पीछे भाग रही भाजपा-जदयू सरकार का  पूरा चरित्र एक दमनकारी हो गया है। नीतीश कुमार, मोदी की ही तर्ज पर अपनी तानाशाही थोप रहे हैं।

माले नेताओं ने कहा कि आज के प्रदर्शन में शिक्षा और रोजगार का मुद्दा था, सरकार को छात्र-युवाओं का प्रतिनिधिमंडल बुलाकर उनसे वार्ता करनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले दागे गए, पानी का बौछार किया गया और युवाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। प्रशासन ने गांधी मैदान से उनके मार्च को जेपी चौक से आगे बढ़ने तक नहीं दिया।

भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी छात्रों-युवाओं के विधासनसभा मार्च को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि युवाओं के संघर्ष ने बिहार चुनाव में रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया, युवाओं के समर्थन ने विपक्ष का इतनी बड़ी ताकत दी और अब युवा फिर सड़कों पर हैं, बीजेपी-जेडीयू सरकार को 19 लाख नौकरियों के अपने वादे के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए।

वहीं घायल युवाओं से पीएमसीएच में मिलने विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता पहुंचे। उन्होंने सभी घायलों का हालचाल लिया और लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया।

विधानसभा घेराव का नेतृत्व आइसा के राष्ट्रीय महासचिव सह विधायक संदीप सौरभ, इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक मनोज मंजिल, इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार, इंक़लाबी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष सह विधायक अजीत कुशवाहा, राज्य सचिव सुधीर कुमार, आइसा के राज्य अध्यक्ष मोख्तार, राज्य सचिव सबीर कुमार, तकनीकी छात्र संगठन के ई. सावन कुमार राज्य सह सचिव आकाश कश्यप, शिक्षक अभ्यर्थी नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह, अलोक कुमार, दारोगा अभ्यर्थी सनी जायसवाल, महिला सिपाही अभ्यर्थी मोनिका कुमारी, आरती कुमारी, एसएससी के शकील, अभिषेक कर रहे थे।

विधानसभा मार्च में स्कूल शिक्षक अभ्यार्थी, बैंक, अभियंता अभ्यर्थी, एलआईसी, रेलवे, सीजीएल, आईबीपीएस,  दारोगा, सिपाही, होम गार्ड, कार्यपालक सहायक, बिहार एसएससी, टोला सेवक, तालीमी मरकज, विकास मित्र, गेस्ट शिक्षक, सहायक प्रोफेसर, पारा मेडिकल, सांख्यकी स्वयं सेवक, फिजिकल शिक्षक अभ्यर्थी, सभी तरह के ठेके, मानदेय व प्रोत्साहन राशि पर काम कर रहे कर्मी आदि सभी तरह के रोजगार पाने के लिए प्रयासरत व सम्मानजनक रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे अभ्यर्थी व संगठन शामिल थे।

छात्र-युवाओं का मांग पत्र

  • बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लोगों ने सरकार बनने पर 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सरकार 19 लाख नौजवानों को समय सीमा में रोजगार मुहैया कराए।
  •  रेलवे समेत तमाम सरकारी कंपनियों व उपक्रमों को बेचे जाने के खिलाफ़ बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाए।
  •  94 हजार BTET/CTET बहाली को बिना देरी के पूरा किया जाए। साथ ही साथ 4 लाख खाली पड़े शिक्षकों के पद पर तुरंत बहाली किया जाए।
  • STET-2019 का रिजल्ट की घोषणा तुरंत किया जाये।
  •  STET-2011 के छठे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए।
  •  तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाए।
  •  रोजगार भर्तियों में अनियमितता, पेपर लीक, घोटाले आदि की न्यायिक जांच कराया जाए। बहाली प्रक्रिया की समय-सीमा निर्धारित की जाए।
  •  स्कूल शिक्षक, आशा-आंगनबाड़ी कर्मी, रसोइया, तालीमी मरकज, टोला सेवक आदि संविदा आधारित कर्मियों की स्थायी नियुक्ति की जाए।
  •  सभी नौकरियों के आवेदन फॉर्म निःशुल्क किए जाए।
  •  मनरेगा में लूट पर रोक लगाई जाए और 200 दिन काम की गारंटी के साथ-साथ 500/-प्रतिदिन भुगतान हो, शहरी रोजगार गारंटी योजना को लागू किया जाय।
  •  बिहार की सभी बंद पड़ी फैक्ट्रियों को चालू किया जाए।  नयी फैक्ट्रियां लगा कर  बेरोजगार नौजवानों को सम्मानजनक रोजगार की गारंटी की जाए।
  •  असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे नौजवानों के लिए सम्मानजनक न्यूनतम वेतन व सामाजिक सुरक्षा की गारंटी की जाए।
  •  सभी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, पुस्तकालयों व छात्रवासों को तुरंत खोला जाए। ऑनलाइन शिक्षा को जबरन थोपना बंद किया जाए।
  •  प्राथमिक स्कूलों से लेकर कॉलेजों और विश्विद्यालयों को सभी बुनियादी ढांचा और सुविधायें मुहैया कराई जाए व रिक्त पड़े शिक्षकों-कर्मचारियों के पदों को भरा जाए।
  • सभी जिला में विधि की पढ़ाई शुरू किया जाए !
  • बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालय पर डिग्री कॉलेज खोला जाए !
  •  बीएड समेत अन्य कॉलेजों में हुई बेतहाशा बढ़ी फीस वृद्धि को वापस लिया जाए और नए बीएड कॉलेजों की स्थापना की जाए।
  •  आम छात्रों को शिक्षा से बेदखल करने वाली ‘नयी शिक्षा नीति-2020’ वापस करने के लिए बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाए।
  •  स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में खाली पड़े डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के पदों को तुरंत भरा जाए। प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष दवा व जाँच आदि पर खर्च 14 रु  से बढ़ाकर 50 रुपया किया जाए।
  •  प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाया जाए, साथ ही साथ सरकारी अस्पतालों में समुचित इलाज का इंतजाम किया जाए।
  •  नगर निकाय क्षेत्रों में फुटपाथ दुकानदारों, सब्जी-फल विक्रेताओं और वेंडरों को उजाड़ना बंद किया जाए। सबके लिए उचित जगह की व्यवस्था की गारंटी की जाए।
  •  सभी शोधार्थियों को फेलोशिप की गारंटी की जाए।
  •  सभी सांख्यिकी स्वयंसेवक को पुनः बहाल किया जाए।
  •  शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों को स्थाई नियुक्ति की जाए।
  •  स्कूलों/कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों का वेतन 50000 प्रतिमाह किया जाए और स्थाई नियुक्ति की जाए।
  •  पिछले 15 सालों में कितने लोगों को रोज़गार मिला और कितने पद खाली हैं इस पर श्वेत पत्र लाया जाए।
  •  सभी बेरोजगार नौजवानों को 10 हजार बेरोजगारी भत्ता दी जाए।
  •  बिहार महिला पुलिस बहाली में हाइट को 150 सेंटीमीटर किया जाए।
  •  बिहार में खाली पड़े अभियंताओं के पदों पर स्थाई नियुक्ति की जाए।
  •  सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की ओएमआर /कार्बन कॉपी, कट ऑफ परीक्षा के तुरंत बाद जारी की जाए।
  •  2018 में BPSM के द्वारा बने कार्यपालक सहायक के पैनल से बहाली करो।
  • आंदोलनकारी छात्र-नौजवानों को सरकारी नौकरी से बेदखल करने वाली तानाशाही फरमान वापस लिया जाये।