उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बीते 26 महीनों से बंद, समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आज़म ख़ान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आज़म ख़ान को अंतरिम बेल देते हुए कहा कि अब वे साधारण बेल के लिए निचली अदालत में जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट नेअंतरिम बेल देते हुए कहा कि आज़म खान की बेल की शर्तें ट्रायल कोर्ट ही तय करेगा और इसके आगे सामान्य ज़मानत के लिए आजम ख़ान सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी पड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अंतरिम ज़मानत का ये आदेश, ट्रायल कोर्ट से ज़मानत मिलने तक लागू रहेगा। इस बारे में ये समझना अहम है कि आज़म ख़ान को लगातार एक के बाद एक मामलों में ज़मानत मिलती रही है लेकिन साथ ही साथ उन पर नए केस दर्ज भी होते रहे हैं। ट्रायल कोर्ट से 88 मामले दर्ज होने के बाद, उन पर 89वां मामला दर्ज हो गया था और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट पहले ही यूपी सरकार और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रवैये को लेकर नाराज़गी जता चुका है। 11 मई को ही इस मामले की सुनवाई के दौरान, जब सर्वोच्च न्यायालय को ये बताया गया कि 88 मामलों में आज़म ख़ान को ज़मानत मिलने के बाद, 89वां मुकदमा उन पर दर्ज करवा दिया गया है, तो अदालत ने कहा, “एक ही आदमी पर 89 मुकदमें कैसे दर्ज हो सकते हैं? ये एक ट्रेंड बन चुका है। जब एक केस में जमानत मिलती है तो दूसरा मुकदमा दर्ज हो जाता है।”
इसके अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित ज़मानत याचिका को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। आजम खान की जमानत पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक फैसला 137 दिन से रिज़र्व रखा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना था, “137 दिन बीत गए हैं, अब इस फैसले को और रिज़र्व नहीं रखा जाना चाहिए। अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट जमानत याचिका पर फैसला रिज़र्व रखता है, तो सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देना पड़ेगा।”
इस मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रखा था और अब गुरुवार को संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए, आज़म ख़ान को अंतरिम ज़मानत दे दी है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एएसजी राजू ने आजम खान की जमानत का विरोध करते हुए कहा था, ‘आजम खान ने कहा था कि अपने ख़िलाफ़ मुकदमे लिखवाने वाले एसडीएम को मैं देख लूंगा. बस, मेरी सरकार आने दो।’
इस पर अदालत ने कहा था, “बेल अलग मामला है और जेल अलग। आप इन दोनों मामलों को एक साथ नहीं देख सकते हैं।” इसके बाद ही ये माना जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट आज़म ख़ान को राहत दे सकता है। गुरुवार को ये ही हुआ और अब आज़म खान 2 साल से अधिक समय जेल में काटने के बाद बाहर आ सकते हैं।