बनारस में 19 दिसंबर को नागरिकता संशाेधन कानून के खिलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले गिरफ्तार सभी 56 व्यक्तियों को अदालत से ज़मानत का आदेश हो गया है हालांकि इनमें शामिल तीन व्यक्तियों मनीष शर्मा, एसपी राय और अनूप श्रमिक को पर्चा बांटने के आरोप में अज्ञात के खिलाफ दर्ज एक अन्य एफआइआर में रिमांड पर रखा गया है। इस मामले में उन्हें नए सिरे से ज़मानत लेनी होगी।
पिछले 12 दिनों से बनारस में कुछ छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता करीब दर्जन भर धाराओं में जेल में बंद थे। इन पर दंगा भड़काने और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने जैसे संगीन मामलों में धाराएं लगायी गयी थीं। अदालत की छुट्टियां होने के कारण काम के आखिरी दिन जमानत की अर्जी सामने आने पर कोर्ट ने 1 जनवरी को अदालत के खुलते ही केस डायरी मंगवायी थी।
बुधवार दिन में पुलिस द्वारा केस डायरी पेश किए जाने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश सर्वेश कुमार पाण्डेय ने 25000 के निजी मुचलके पर सभी की ज़मानत मंजूर कर ली।
इस मामले में कुल 56 व्यक्तियों को जेल भेजा गया था और एक एफआइआर अज्ञात के खिलाफ़ थी। इनमें तीन आरोपियों अनूप श्रमिक, एसपी राय और मनीष शर्मा को एक अन्य एफआइआर के सिलसिले में अभी रिमांड पर रखा गया है, ज़मानत मिलने के बाद भी वे रिहा नहीं होंगे क्योंकि नए मामले में उन्हें फिर से ज़मानत के लिए आवेदन करना होगा। यह मुकदमा पर्चा बांटने के आरोप में अज्ञात के खिलाफ़ 18 दिसंबर को आइपीसी की धारा 153ए और 153बी के तहत दर्ज किया गया था।
एफआइआर अज्ञात के खिलाफ थी लेकिन तहरीर में वर्णित परचे की सामग्री के अंतर्गत जो मोबाइल संपर्क दिए गए थे वे इन तीनों के थे। माना जा रहा है कि अगले एकाध दिन में इस मामले में इन्हें ज़मानत मिल जाएगी।
अगर बुधवार शाम तक औपचारिकताएं पूरी हो गयीं तो बाकी 54 आरोपी तत्काल रिहा हो जाएंगे वरना यह काम कल तक के लिए टल जाएगा।
ये भी पढ़ें
बनारसः कुल 56 व्यक्तियों के खिलाफ़ आठ धाराओं में है नामजद FIR