मज़दूरों के लिए 500 बसों के साथ बॉर्डर पर डटीं प्रियंका, पर संन्यासी सीएम चुप!

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कांग्रेस की बसों की यूपी में एंट्री देने की मांग की है. प्रियंका गांधी ने एक वीडियो संदेश ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि “आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है. हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. हमें इनकी मदद करने दीजिए.

एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने बॉर्डर पर खड़ी बसों को वीडियो पोस्ट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं. योगी आदित्यनाथ जी परमीशन दीजिए. हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए

प्रियंका गाँधी जिस तरह  से बसों के साथ बार्डर पर तैनात हैं, उससे बीजेपी असहज ज़रूर है। अगर वो इजाज़त देती है तो बड़ी राजनीतिक हार होगी। नहीं देती है तो असंवेदनशील घोषित होने का ख़तरा भी है।

ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने अब तक कोरोना संकट के दौरान सरकार का तीखा विरोध न करने की रणनीति में बदलाव किया है। खासतौर पर मज़दूरों की पीड़ा के  जैसे दृश्य सड़कों पर नज़र आ रहे हैं, उसके बाद शायद चुप रहना संभव भी नहीं है। राहुल गाँधी ने फुटपाथ पर बैठकर मज़दूरों का हाल जाना और आज प्रियंका गाँधी ने अपने ऐलान को अमल में लाते हुए जिस तरह पांच सौ बसें बार्डर पर तैनात कर दी है, उसके बाद सरकार के लिए इस मुद्दे पर आँख मूंदना मुमकिन नहीं रह जाएगा। अगर देश के सबसे बड़े विपक्षी दल की यह भंगिमा असरदार  साबित हुई तो लाखों मज़दूरों की पैरों में पड़े छालों में थोड़ा मरहम तो लगेगा ज़रूर।

 


मुख्य तस्वीर में बसें प्रतीकात्मक हैं।