SIT का खुलासा: साजिश के तहत हुआ लखीमपुर कांड, राहुल बोले- मोदीजी, फिर से माफ़ी माँगने का टाइम आ गया!

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एक हाई प्रोफाइल लखीमपुर हिंसा मामले में एसआईटी टीम की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। तीन महीने बाद जांच टीम ने मामले में नई धाराएं बढ़ाते हुए मामले को दुर्घटना की नहीं बल्कि जानबूझकर की गई हत्या की साजिश बताया है। धाराएं बढ़ाने के बाद मंगलवार को सभी 13 आरोपियों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। इस खुलासे के बाद अब केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसा हैं। वहीं, प्रियंका गांधी ने मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग की है।

मोदी जी, फिर से माफ़ी माँगने का टाइम आ गया…

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, मोदी जी, फिर से माफ़ी माँगने का टाइम आ गया, लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ। सच सामने है!

PM ने किसान विरोधी मानसिकता के चलते मंत्री को पद से नहीं हटाया: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बयान याद दिलाते हुए लिखा, न्यायालय की फटकार व सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्यमंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था। जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृहराज्यमंत्री की क्या भूमिका थी? लेकिन मोदी जी किसान विरोधी मानसिकता के चलते आपने तो उन्हें पद से भी नहीं हटाया है।

रिमांड पर सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई..

13 आरोपियों के रिमांड पर सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिस पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। बता दें कि आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह का कहना है कि जबरन धाराएं बढ़ा दी गई हैं। धारा 34 और 149 एक साथ नहीं हो सकते। धारा 149 पहले से ही लागू है। उन्होंने कोर्ट से अपने विवेक पर काम करने की अपील की।

स्पष्ट रूप से सुनियोजित घटना..

दरअसल, सोमवार को एसआईटी से जुड़े मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर ने स्पष्ट किया कि सावधानीपूर्वक जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि लापरवाही और उपेक्षापूर्वक वाहन चलाते समय मौत का कारण दुर्घटना का मामला नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित घटना है। यह भीड़ को कुचलने, मारने और हत्या के प्रयास के साथ ही अंग भंग की साजिश का स्पष्ट मामला है। इसलिए मामले को बदलते हुए हत्या और हत्या के प्रयास के साथ-साथ अंग भंग करने की धाराएं लगाई जानी चाहिए। विवेचक ने रिमांड फ़ाइल और अदालती मुकदमे में इन धाराओं को बढ़ाने के लिए कोर्ट में एप्लिकेशन दी। जिस पर सभी आरोपी कोर्ट तलब किये गए। आपको बता दें कि अब तक एसआईटी एक्सीडेंटल केस के साथ-साथ विकल्प के तौर मर्डर सेक्शन के साथ मैदान में थी।

अब यह धाराएं लगाई गई..

वहीं, जांचकर्ता ने अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा कि एक्सीडेंटल मामले से संबंधित धाराओं को हटाया जा रहा है, इसलिए जेल में बंद आरोपियों पर से धारा 279, 337, 338, 304ए की धाराएं हटाई जा रही हैं। इसकी जगह पर हत्या के प्रयास, अंग भंग, एक राय होकर क्राइम करना व असलहों के दुरुपयोग की धारा बढाई गयी है। जिसमें 307 जानलेवा हमला, 34 सामान्य आशय, 326 गंभीर चोट पहुंचाने समेत 120बी आईपीसी की धाराएं बढ़ाई गई हैं।


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