उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक सरकारी स्कूल के मध्याह्न भोजन में बच्चों को रोटी और नमक खिलाये जाने के प्रकरण का परदाफाश करने वाले जनसंदेश टाइम्स के संवाद सूत्र पवन जायसवाल के खिलाफ हुई एफआइआर की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कड़ी निंदा की है।
संपादकों की सर्वोच्च संस्था एडिटर्स गिल्ड ने एक औपचारिक बयान जारी करते हुए शिऊर प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन पर स्टोरी करने वाले रिपोर्टर पवन जायसवाल पर सरकारी एफआइआर की निंदा की है और उसे तुरंत वापस लेने को कहा है। गिल्ड ने कहा है कि यह ”शूटिंग दि मैसेंजर” का एक क्लासिक उदाहरण है।
इस बीच बनारस की मानवाधिकार संस्था पीवीसीएचआर द्वारा इस एफआइआर को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की गयी शिकायत का आयोग ने संज्ञान ले लिया है। आयोग ने मामले को डायरी संख्या 10501/IN/2019 के तहत दर्ज कर लिया है।
Mirzapurगौरतलब है कि मिर्जापुर के सरकारी प्राथमिक स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को खाने के लिए दिए गए नमक रोटी की खबर को पवन जायसवाल ने कवर किया था और जनसंदेश टाइम्स ने इसे विस्तार से छापा था। इसके बाद देश भर में मामला सुर्खियों में आया, तो खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा इसे षडयंत्र करार देते हुए पत्रकार और अन्य पर आइपीसी की धारा 120बी, 186, 193 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
आज देश भर में इस एफआइआर की निंदा होने के बाद मामला मानवाधिकार आयोग में गया और एडिटर्स गिल्ड का बयान आया है।
इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार सिंह को पहले ही शासनादेश से निलंबित किया जा चुका है।
इसके अलावा अपना दल (एस) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मिर्जापुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण तिवारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का अनुरोध किया है और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।