गुजरात सरकार के खिलाफ मेधा पाटकर का अनशन MP के मुख्‍यमंत्री के आश्‍वासन पर खत्‍म

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सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों के पुनर्वास के मुद्दे को लेकर अनशन पर बैठीं सामाजिक कार्यकर्त्ता मेधा पाटकर ने सोमवार, 2 सितम्बर की  रात को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया. साथी आंदोलनकारियों के साथ सभी की सहमति के बाद मेधा पाटकर ने अनशन समाप्त करने का फैसला लिया. इसके साथ 9 दिन से जारी उनका बेमियादी अनशन ख़त्म हो गया. इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शरदचंद्र बेहार को अपने दूत के रूप में मेधा पाटकर से चर्चा के बड़वानी जिले में भेजा था.

इससे पहले नर्मदा चुनौती सत्याग्रह स्थल पर मध्य प्रदेश के वार्ताकार एवं पूर्व मुख्य सचिव श्री शरदचंद्र बेहार ने अनशन स्थल पर जाकर मुख्यमंत्री कमलनाथ का पत्र पढ़कर मेधा पाटकर सुनाया.

इसके बाद मेधा पाटकर ने आश्वासन पर भरोसा करते हुए अनशन तोड़ने की घोषणा की. उन्होंने इस भरोसे के साथ अपना अनशन समाप्त किया कि डूब से पहले लोगों का पुनर्वास होगा. 9 सितंबर 2019 को भोपाल में सरकार के साथ विस्तार से मीटिंग होगी.

इससे पहले मेधा पाटकर को मनाने की कोशिशें चलती रही थीं. मध्यप्रदेश के गृहमंत्री के बाद सोमवार को दिन में जिले की प्रभारी मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ मेधा पाटकर को मनाने के लिए सत्याग्रह स्थल पर पहुंचीं थीं. साधौ ने मुख्यमंत्री से मोबाइल पर मेधा पाटकर की 7 मिनट बात करवाई, हालांकि इससे कोई हल नहीं निकला.

यह दूसरी बार था जब सीएम कमलनाथ से मेधा पाटकर की चर्चा बेनतीजा रही. प्रभारी मंत्री डॉ साधौ और मुख्यमंत्री कमलनाथ का अनशन समाप्त करने का निवेदन मेधा पाटकर ने अस्वीकार कर दिया. मेधा पाटकर की तबियत निरंतर बिगड़ती जा रही थी.

मेधा पाटकर नर्मदा नदी पर गुजरात में निर्मित सरदार सरोवर बांध एसएसडी के मध्यप्रदेश के विस्थापितों के उचित पुनर्वास और ग्रामीणों को डूब से राहत के लिये बांध के गेट खोल पानी छोड़ने की मांग को लेकर बड़वानी जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर छोटा बड़दा गांव में 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन ‘सत्याग्रह’ आंदोलन कर रही थीं.


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