फर्जी खबरों यानी फ़ेक न्यूज़ के खिलाफ़ अंतरराष्ट्रीय स्तर कुछ मंचों द्वारा चलाए जा रहे सघन अभियान का परिणाम बहुत सार्थक दिख रहा है क्योंकि पाठक खुद जागरूक हो रहा है और सवाल पूछ रहा है कि क्या यह तस्वीर फर्जी है। ऐसा ही एक संदेश गुरुवार देर रात मीडियाविजिल के एक पाठक ने छत्तीसगढ़ से भेजा और उसके क्षेत्र में वॉट्सएप पर वायरल हो रही एक तस्वीर की हकीकत जानने की कोशिश की।
तस्वीर किसी मस्जिद में झाड़ू लगाते कुछ पुलिसवालों की है जिनके इर्द-गिर्द कुछ नमाज़ी खड़े हैं और देख रहे हैं। पाठक ने इस तस्वीर का जो स्रोत साझा किया, एक ”कट्टर हिंदुत्व सेवक” वाले परिचय के प्रोफाइल से की गई फेसबुक पोस्ट थी जिसमें तस्वीर को लगाकर लिखा गया था कि यह पश्चिम बंगाल के मस्जिद की तस्वीर है जहां पुलिसवालों से सफाई करवायी जा रही है।
मीडियाविजिल ने रिवर्स इमेज सर्च के द्वारा पता लगाया कि तस्वीर तो सही है लेकिन साल भर से ज्यादा पुरानी है और बंगाल की नहीं, तेलंगाना के आदिलाबाद की है। इसका इस्तेमाल पश्चिम बंगाल में हुए सांप्रदायिक तनाव को और भड़काने के लिए कुछ लोग जानबूझ के कर रहे हैं और अधिकतर लोग इसका स्रोत जाने बगैर इसे फॉरवर्ड कर रहे हैं।
तस्वीर फैलाने वालों की मंशा उसके साथ लगी ”कट्टर हिंदुत्व सेवक” की टिप्पणी से समझी जा सकती है:
”आपने कभी पुलिस को देखा है मन्दिर साफ करते हुए ? नहीं न? बंगाल की पुलिस मस्जिद साफ कर रही है नमाज के लिए! और मुसलमान इस फोटो कॊ फॉरवर्ड कर के ये बोल रहे हैं! देखो हिन्दुओ! भारत के पुलिस की औकात! आप भी देखिये और इस पोस्ट को फैला दीजिए! लोगो कॊ भी पता चले कॊ ममता बनर्जी के राज्य मे पुलिस की इतनी ही औकात है ! भगवान ही मलिक है हिन्दूओका और इस देश का!”
वैसे आम तौर से रमज़ान के महीने में आम लोगों समेत पुलिस-प्रशासन देश की तमाम मस्जिदों में साफ़-सफाई का काम करते देखा जा सकता है, लेकिन मौजूदा तस्वीर आदिलाबाद के निर्मल विधानसभा क्षेत्र की है जहां की जामा मस्जिद में रमज़ान के दौरान सफ़ाई कार्य चल रहा है। तस्वीर पिछले साल की है। इसका पता ”चारमीनार टाइम्स” नाम के एक स्थानीय अखबार से चलता है जिसने यह तस्वीर छापी थी और बाद में एआइएमआइएम के कुछ समर्थकों ने इसे साधारण तरीके से ट्वीट किया था।
https://twitter.com/AIMIMSHAHBAAZ/status/747047420815622144
जहां तक पुलिस द्वारा सफाई का मामला है, तो एक और तस्वीर आदिलाबाद की ही ‘तेलंगाना टुडे’ नाम के अखबार में छपी ख़बर में देखी जा सकती है जिसमें पुलिसकर्मी प्रसिद्ध कुंतला जलप्रपात के परिसर से कूड़ा-कचरा साफ़ करते दिख रहे हैं। यह तस्वीर भी पिछले साल की ही है।
ये दोनों तस्वीरें दरअसल निर्मल के पुलिस प्रशासन द्वारा स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत चलाए गए अभियान का हिस्सा हैं। कुछ समाज विरोधी तत्व इनमें से एक मस्जिद वाली तस्वीर को पश्चिम बंगाल का बताकर लोगों की भावनाओं को भडकाने का काम कर रहे हैं। मीडियाविजिल अपने पाठकों से अपील करता है कि वे ऐसे दुष्प्रचार से बचें, उनकी सच्चाई का पता लगाएं और उसे सामने लाएं।