कर्नाटक की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की आज शाम बैंगलुरु में हत्या कर दी गई। शाम करीब 6.30 बजे राज राजेश्वरी नगर स्थित उनके आवास पर हत्यारों ने उन्हें कई गोलियाँ मारीं और भाग गए। ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक गौरी लंकेश प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की नीतियों की सख़्त आलोचक मानी जाती थीं ।
जानकारी के मुताबिक गौरी लंकेश अपनी कार से उतरकर अपने आवास के बरामदे में पहुँची थीं और दरवाज़ा खोलने जा रही थीं, जब उन पर यह हमला हुआ। कहा जा रहा है कि हत्यारे दो थे और मोटरसाइकिल से आए थे। वे घर में घुसे और गौरी लंकेश पर सात राउंड गोलियाँ चलाईं। बताया जा रहा था कि उनके सीने तीन गोलियाँ लगीं और उनकी मौत हो गई।
गौरी लंकेश, मशहूर कन्नड़ लेखक और पत्रकार पी.लंकेश की बेटी थीं। वे ख़ुद भी कन्नड़ और अंग्रेज़ी की मशहूर स्तंभकार थीं। इसके साथ ही वे तमाम सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय रहती थीं। कर्नाटक में बीजेपी जिस तरह से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है, उस पर गौरी लंकेश लगातार आवाज़ उठाती थीं। टीवी चैनलों की बहसों में भी वे खुलकर अपने विचार रखती थीं। समाज के सांप्रदायिक विभाजन के ख़िलाफ़ उनकी क़लम हमेशा आवाज़ उठाती रही। उनके फ़ेसबुक पर रोहित वेमुला का और ट्विटर पर जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का फोटो था ।
गौरी लंकेश को लगभग उसी तरह मारा गया जैसे कि दो साल पहले हम्पी स्थित कन्नड़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एम.एम.कलबुर्गी की हत्या की गई थी। प्रो.कलबुर्गी भी दक्षिणपंथियों के निशाने पर थे। उनके हत्यारों का आज तक कुछ पता नहीं चल सका है।
गौरी लंकेश के बीजेपी पर लिखे गए गए एक लेख के ख़िलाफ़ कर्नाटक के धारवाड़ जिले के सांसद प्रह्लाद जोशी और भारतीय जनता पार्टी के नेता उमेश दुशी ने मानहानि का दावा किया था। गौरी को अदालत ने छ महीने की सजा और दस हज़ार रूपये का जुर्माना लगाया था लेकिन अदालत ने गौरी लंकेश को उच्च अदालत में अपील करने की अनुमति देते हुए जमानत भी दे दी थी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गौरी लंकेश की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। हाँलाकि पुलिस को हत्यारों के बारे में अब तक कोई सुराग़ नहीं लगा है।
गौरी लंकेश की हत्या से देश भर में पत्रकारो में रोष है। जानकारी के मुताबिक कल यानी बुधवार को तीन बजे दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में तमाम पत्रकार इस हत्या के विरोध में एक सभा करेंगे।