सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड की सुनवाई करने वाले सीबीआइ के विशेष जज बीएच लोया की तीन साल पहले हुई संदिग्ध मौत के मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की रिपोर्टिंग में द इंडियन एक्सप्रेस ने शनिवार 10 फरवरी को अपने पहले पन्ने पर एक ऐसा ब्लंडर किया है जिसे मामूली होते हुए भी मामूली नहीं कहा जा सकता। एक्सप्रेस ने पहले पन्ने पर तीन कॉलम की एक रिपोर्ट छापी है जिसमें सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार का दिया बयान शीर्षक है। इस शीर्षक और शबर में सोहराबुद्दीन मामले की सबसे पहले सुनवाई कर रहे जज उत्पट के तबादले की बात है, लेकिन उत्पट की जगह नाम लोया का लिखा है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन मामले में निर्देश दिया था कि उसकी सुनवाई किसी एक जज द्वारा ही शुरू से अंत तक की जाए, लेकिन मामले की सुनवाई कर रहे जज उत्पट का बीच में ही तबादला कर दिया गया था जिसके बाद यह मामला जज लोया के हाथ में आया, जिनकी बाद में मौत हो गई। लोया की संदिग्ध मौत से जुडी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि सोहराबुद्दीन की सुनवाई शुरू होने से पहले उत्पट का तबादला किया गया था, इसलिए यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना नहीं है।
द इंडियन एक्सप्रेस में पूरी खबर में जज उत्पट की जगह जज लोया लिख दिया जबकि लोया तो सुनवाई के दौरान मारे गए थे। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एक्सप्रेस से माफी मांगने को कहा जिसके बाद एक्सप्रेस ने ट्विटर पर खेद प्रकट किया है।
Issue a correction immediately on your factually incorrect reporting in the SC y’day. You confused 2 judges, and misquoted me. Judge Loya was not transferred before his death. Utpat was. @IndianExpress @rajkamaljha @anantgoenka Correction+apology on the front page in equal space.
— Indira Jaising (@IJaising) February 10, 2018
जिस बात को पूरा देश अब जानता है कि मौत जज लोया की हुई थी और तबादला जज उत्पट का हुआ था, उसे इंडियन एक्सप्रेस का संवाददाता जी. अनंतकृष्णन खबर लिखते वक्त भूल जाएगा, यह बात पचने लायक नहीं है। हो सकता है कि यह मानवीय गलती ही हो, लेकिन लोया की रिपोर्टिंग के मामले में एक्सप्रेस का दागदार हालिया अतीत रिपोर्टर और अखबार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। एक्सप्रेस ने इस गलती के लिए माफी मांग ली है।
The report on the hearing in the Judge Loya case wrongly mentioned Loya as the judge who was transferred. It was judge Utpat. The corrected version is up ….. @indianexpress regrets the error. Thank you @IJaising for flagging it | https://t.co/npSESmRNen pic.twitter.com/2HifkfJiBK
— The Indian Express (@IndianExpress) February 10, 2018
इस गलती की ओर उसका ध्यान द कारवां के संपादक विनोद जोस और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने दिलाया। जयसिंह ने ट्विटर पर अखबार, उसके संपादक राजकमल झा और मालिक अनंत गोयनका को टैग करते हुए लिखा कि दो जजों के नाम में हेरफेर करने और उन्हें गलत उद्धृत करने के लिए अखबार तत्काल माफी मांगे और उसे पहले पन्ने पर उतनी ही जगह में छापे।
Confuse names of judges. Attribute quotes never said in court. And put out wrong information as front page report? pic.twitter.com/UGF1imzXkU
— Vinod K. Jose (@vinodjose) February 10, 2018
पिछले तीन महीने से राष्ट्रीय सुर्खियों में लगातार बनी जज लोया की मौत की खबर को लेकर द इंडियन एक्सप्रेस पहले भी झूठ बोल चुका है जब उसने द कारवां की स्टोरी के जवाब में एक फर्जी ईसीजी रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसे लोया का बताया गया था। उस रिपोर्ट में फर्जीवाड़े को तो पाठकों ने ही पकड़ लिया था। बाद में यह साफ़ हुआ कि ईसीजी रिपोर्ट प्लांट करवाई गई थी क्योंकि सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में मुख्य आरोपी रहे अमित शाह अपने बचाव में बार-बार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट का हवाला दे रहे थे।