पत्रकारिता के इतिहास में संपादकों और संवाददाताओं के नाम तमाम मुक़दमे दर्ज हैं। लेकिन आमतौर पर इन्हें सच की राह में सत्ता के रोड़े के बतौर देखा जाता है। यह पहली बार हो रहा है कि कोई संपादक सत्ता के पक्ष में खड़ा होकर विपक्ष या सरकार से असहमत लोगों पर दनादन हमले कर रहा है। इसलिए रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ किए जा रहे मुक़दमों को पत्रकारिता के इतिहास में शायद ही जगह मिल पाए।
जी हाँ, मुक़दमा नहीं ‘मुक़दमे’। 27 मई को कांग्रेस नेता शशि थरूर भी अर्णब और उनके चैनल के ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट पहुँच गए। उन्होंने अपनी मानहानि का दावा करते हुए 2 करोड़ रुपये मुआवज़े की माँग की है। थरूर ने कहा है कि 13 मई को रिपब्लिक चैनल ने सनसनीख़ेज़ अंदाज़ में ख़बर दिखाकर दर्शकों के बीच यह धारणा बनाने की कोशिश की कि उन्होंने अपने पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या की है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि जब तक दिल्ली पुलिस मामले की जाँच पूरी ना करने ले, उनकी पत्नी की हत्या से संबंधित ख़बरों के प्रसारण पर रोक लगाई जाए।
ग़ौरतलब है कि रिपब्लिक चैनल का प्रसारण 6 मई को शुरू हुआ। यानी सिर्फ 21 दिनों में अर्णब और उनकी कंपनी के ख़िलाफ़ तीन मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं।
पहला मुक़दमा टाइम्स नाऊ चैनल की संचालक बैनेट एंड कोलमेन कंपनी ने दायर किया है। उसका दावा है कि कंपनी के पूर्व कर्मचारी अर्णब गोस्वामी ने कंपनी की सामग्री (लालू यादव और जेल में बंद शहाबुद्दीन की बातचीत के टेप) चुराया और दो साल तक दबाए रखा। जब रिपब्लिक टीवी शुरू हुआ तो इसका इस्तेमाल किया गया। चोरी के इस मुक़दमे को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है।
उधर, सबसे तेज़ ‘आज तक’ की संचालक कंपनी ‘टीवी टुडे’ ने टीआरपी के लिए अनैतिक और ग़ैरक़ानूनी हथकंडे अपनाने का आरोप लगाते हुए रिपब्लिक टीवी के ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाज़ा ख़टखटाया है। इस संबंध में न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन (NBA) ने भी ट्राई से शिकायत की है।
जनसत्ता में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक – “एनबीए ने आरोप लगाया है कि रिपब्लिक चैनल रिपब्लिक चैनल को अलग-अलग जगहों पर विभिन्न तरीकों से लिस्टेड किया गया था। एनबीए ने रिपब्लिक टीवी के कारनामों को गैरकानूनी बताते हुए ट्राई से उसके खिलाफ एक्शन लेने को कहा है ताकि कोई और टीवी चैनल भविष्य में इस तरह के तरीके न अपना सके। देश के 171 शहरों खासकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में रिपब्लिक टीवी ड्यूल और कई मामलों में ट्रिपल फीड सामने आए हैं। इस चैनल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि टाइम्स नाउ पिछले कई वर्षों से यह कर रहा है और अन्य चैनल्स भी। वे भी हैथवे, इंडियन केबल नेट कंपनी लिमिटेड (आईसीएनसीएल), एससीओडी और बाकी अन्य वितरक नेटवर्क्स पर ड्यूल फीड चला रहे हैं। 2017 के ट्राई नोटिफिकेशन के मुताबिक वितरकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे चैनलों को एक ही शैली में चलाएं।”
मीडिया विजिल संवाददाता