आवेश तिवारी
यह भाजपा पोषित दैनिक जागरण अखबार में छपी खबर है। मैं नही जानता इस अखबार के संपादक रिपोर्टर आम जनता सेआंख कैसे मिलाते होंगें? कैसे सामना करते होंगे मजदूरों की आंखों का? आप अंदाजा लगा सकते है कि खुद को नंबर एक बताने वाले अखबार का एडिटोरियल क्या कर रहा है। इस अखबार के मालिक क्या कर रहे हैं। यह बेशर्मी है, मीडिया की क्रूरता का चरम है!
उत्तराखंड के रुद्रपुर में इंटार्क लिमिटेड के मजदूर पिछले महीने से आंदोलनरत है। कंपनी ने सैकड़ों मजदूरों की छटनी की है। उन पर पुलिस की मदद से लाठियाँ बरसाई गईं और अब जो हो रहा है वो सामने है। इस कंपनी के मालिक का अरुण जेटली से सीधा सम्वन्ध है। नवंबर-दिसंबर की भयंकर ठंड में मजदूर अपने पूरे परिवार के साथ, जिनमे छोटे बच्चे भी थे,आमरण अनशन पर बैठे रहे, जिसे बल और छल से खत्म कराया गया। अनशनकारियों ने उस वक्त अपील की थी कि ‘हमें आखिरी समय पर स्थानीय भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल के आवास पर मरने के लिए छोड़ दिया जाये। उसके बाद हमारी मृत देह को पूरे हल्द्वानी शहर में घुमाकर भूतपूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी के आवास पर जलाया जाए।’
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह फ़ेसबुक टिप्पणी है।
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