अमेरिका और रूस की सियासी जंग में दोनों देशों के पत्रकार निशाना बनने वाले हैं। रूस की संसद के निचले सदन ने एक स्वर से एक विधेयक पारित किया है जिसके अंतर्गत रूसी सरकार अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को ”विदेशी” एजेंट के बतौर पंजीकृत करेगी। इससे कुछ ही दिनों पहले अमेरिका ने बिलकुल यही मांग रूस के सरकारी टीवी चैनल आरटी के लिए की थी।
अभी इस विधेयक को ऊपरी सदन से पारित होना बाकी है, लेकिन ऐसा होने के बाद स्थिति यह होगी कि रूस में तैनात दूसरे देश के किसी भी पत्रकार या किसी संसथान के विदेशी ब्यूरो को ”विदेशी एजेंट” माना जाएगा। इसके तहत पंजीकरण के दौरान उन्हें यह बताना होगा कि उन्हें कहां से फंडिंग होती है और वे इसे कैसे खर्च करते हैं, हालांकि बिल में यह नहीं बताया गया है कि किस आधार पर विदेशी मीडिया को पंजीकरण के लिए बाध्य किया जाएगा।
यह कदम रूस के सरकारी टीवी आरटी के अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट में पंजीकरण करवाने के बाद उठाया गया है। अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियों का दावा था कि इस चैनल ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रूसी एजेंट की भूमिका निभायी थी। रूस ने हालांकि ऐसी किसी भी दखलंदाज़ी ने इनकार किया था।
दि गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को संसद में चली बहस में रूसी संसद ड्यूमा के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोदिन ने बिल को अमेरिका का ”उपयुक्त जवाब” करार दिया और यह संकेत कि ”हमारे मीडिया के साथ ऐसा बरताव नहीं किया जा सकता।”
माना जा रहा है कि ऊपरी सदन में बिल पास हो जाएगा। उसके बाद दो हफ्ते के भीतर पुतिन को इस पर दस्तखत करना होगा। यह बिल रूसी सरकार को अधिकार देगा कि वह किस मीडिया को विदेशी एजेंट माने और किसको नहीं। यह कैसे तय किया जाएगा, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।
विधेयक के अनुसार जिस भी मीडिया संस्थान को ”विदेशी एजेंट” ठहराया जाएगा, उस पर वही बाध्यताएं लागू होंगी जो विदेशी अनुदान वाले एनजीओ पर 2012 के रूसी कानून के तहत लागू होती हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस विधेयक को मीडिया की आज़ादी पर हमला करार दिया है। यूरोप और मध्य एशिया में एमनेस्टी के उपनिदेशक डेनिस क्रिवोशीव ने कहा, ”यह विधेयक रूस में पहले ही खराब प्रेस की आज़ादी के माहौल पर गंभीर चोट करता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान क्रेमलिन लगातार एक ऐसा ईको चैम्बर गढ़ रहा है जहां रूस और बाहर के आलोचनात्मक स्वरों को दबाया जा सके।”
एमनेस्टी के डेनिस क्रिवोशीव का साक्षात्कार यहां पढें
दि गार्डियन की खबर पर आधारित