शनिवार को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में गुजरात के नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक दिलचस्प वाक़या देखने में आया। ट्विटर पर इस घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं। विवाद के केंद्र में हैं रिपब्लिक चैनल के रिपोर्टर आदित्य राज कौल।
जिग्नेश जब दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, ठीक उसी वक्त एनडीए नेता राजीव चंद्रशेखर और अर्नब गोस्वामी के मालिकाने वाले ‘रिपब्लिक’ समाचार चैनल पर जिग्नेश के खिलाफ स्टोरी चल रही थी कि क्या यह प्रेस कॉन्फ्रेंस राहुल गांधी द्वारा प्रायोजित है।
#CongSponsorsJignesh | Why was Rahul Gandhi's right-hand man organising Jignesh's press meet? pic.twitter.com/ogPwPjTQaP
— Republic (@republic) January 5, 2018
प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद जब वन टु वन की बारी आई, तो जिग्नेश ने साफ़ कह दिया कि वे रिपब्लिक के संवाददाता से बात नहीं करेंगे।
इसके बावजूद रिपब्लिक की टीम कम रोशनी का फायदा उठाकर सबके बीच घुस आई और रिपोर्टर ने जिग्नेश के मुंह पर माइक तान दिया। रिपोर्टर बार-बार पूछ रहा था कि क्या यह प्रेस कॉन्फ्रेंस राहुल गाधी और कांग्रेस की ओर से प्रायोजित है। एकाध बार जिग्नेश ने जवाब को टाला, मुंह के सामने से माइक को हटाया लेकिन फिर कुछ झड़प हो गई।
#CongSponsorsJignesh | Jignesh Mevani gets violent; snatches Republic's michttps://t.co/ovtqkG53xC
— Republic (@republic) January 5, 2018
वीडियो में ध्यान से देखें तो साफ दिखता है कि दो बार मना करने के बावजूद मुंह पर माइक लगाने के बाद जिग्नेश ने माइक को हटाते हुए कहा, ”वॉट इज़ दिस.. क्यूं मेरे मुंह में ठूंस रहे हो यार?” इसके बाद कुछ झड़प सी स्थिति बनती है और कुछ लोग मामले को सुलटाने में लग जाते हैं।
इस वीडियो को चलाकर रिपब्लिक लिखता है, ”जिग्नेश मेवाणी एक्सपोज्ड”।
इसके बाद एक दूसरे घटनाक्रम में प्रेस क्लब के ही लॉन में कुछ युवा आदित्य राज कौल से सवाल पूछ रहे हैं और कौल उन सवालों से बचते हुए नज़र आ रहे हैं। इस वीडियो को ट्वीट करते हए कौल ने सवाल उठाया है कि क्या जिग्नेश के इन साथियों को पत्रकारों का उत्पीड़न करने के पैसे मिले थे?
असल मामला यह है कि रिपब्लिक चैनल अपने यहां जिग्नेश का कोई पुराना बयान चलाकर यह कह रहा था कि उन्होंने बाबासाहब आंबेडकर का अपमान किया है। इसी संदर्भ में जिग्नेश के साथियों ने आदित्य राज कौल से कहा कि उन्हें तो बाबासाहब के अपमान के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है क्योंकि कौल खुद आरक्षण विरोधी यूथ फॉर इक्वालिटी की राजनीति छात्र जीवन में कर चुके हैं।
Watch how #JNU goons of Jignesh Mevani continuously tried to provoke me, my fellow reporter and crew at the Press Club of India. Apparently they wanted to silence us and had problems with my activism 12 years ago as a DU student when I spoke against caste based divide. Sad. https://t.co/8nbZWd4Fop
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) January 6, 2018
वीडियो में साफ सुनाई दे रहा है कि कुछ युवा आदित्य राज कौल के किरोड़ीमल कॉलेज से होने और यूथ फॉर इक्वालिटी नामक संगठन से होने की बात कर रहे हैं। वे कौल से पूछ रहे हैं कि आखिर वह रिपब्लिक में प9कार होने के साथ यूथ फॉर इक्वालिटी में एक साथ कैसे रह सकते हैं। कौल इसका जवाब देने के बजाय फोन पर इधर-उधर कर रहे हैं।
अपने ट्वीट में कौल लिखते हैं कि ”जिग्नेश मेवाणी के जेएनयू वाले गुडों ने लगातार मुझे, मेरे साथी रिपोर्टर और क्रू को उकसाने की कोशिश की। शायद वे हमें चुप कराना चाहते थे और उन्हें 12 साल पहले डीयू का छात्र होने के दौरान मेरे एक्टिविज्म से दिक्कत थी जब मैंने जाति आधारित विभाजन के खिलाफ बोला था।”
रिपब्लिक चैनल अपने दावे के पक्ष में बार-बार यह बात गिना रहा है कि अलंकार सवई ने कई बार सवाल पूछने पर उसका जवाब नहीं दिया और भागते रहे। दिलचस्प यह है कि खुद रिपब्लिक के रिपोर्टर खुले में अपने दर्शकों की आलोचना को बरदाश्त नहीं कर पाए और सवालों से बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखे।
राहुल गांधी द्वारा प्रायोजित जिग्नेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस के रिपब्लिक चैनल पर लगाए गए आरोप का परदाफाश प्रतीक सिन्हा के आल्टन्यूज ने शनिवार को ही कर दिया था जब उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस की बुकिंग की परची सार्वजनिक की। इससे पता चलता है कि जगह बुक करवाने का काम एक पत्रकार रज़ा हैदर ने किया था और भुगतान भी उन्होंने ही किया था।