राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर गुरुवार को राजस्थान पत्रिका ने अपने संपादकीय पन्ने पर संपादकीय की जगह खाली छोड़ दी है। संपादकीय की जगह केवल काले रंग की पट्टी से जगह को घेर दिया गया है। अख़बार ने ऐसा कदम वसुंधरा राजे की सरकार द्वारा लाए गए आपराधिक कानून संशोधन विधेयक के विरोध में किया है जिसका लक्ष्य मीडिया का मुंह बंद करवाना है।
----Rajasthan-Patrika-Jaipur-page-10कुछ दिनों पहले ही अखबार ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जुड़ी खबरों के बहिष्कार का एलान किया था। उसके बाद से ही 1 नवंबर से लगातार यह अखबार अपने पहले पन्ने पर एक ताला बना रहा है। अपने अग्रलेख में अखबार के प्रधन संपादक गुलाब कोठारी ने विधेयक के विरोध में नारा दिया था, ”जब तक काला, तब तक ताला”।
उन्होंने इस अध्यादेश के लाए जाने के बाद इसे ”काला कानून” करार दिया था और लिखा था कि जब तक इसे हटाया नहीं जाएगा, अख़बार सरकार का बहिष्कार करता रहेगा।