पत्रकारों पर हमले के एक नये मामले में मंगलवार की शाम मेघालय की राजधानी शिलोंग में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार पैट्रिसिया मुखिम के आवास पर मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने पेट्रोल बम फेंका.
हालांकि, इस हमले में पैट्रिसिया को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर तफ्तीश शुरू कर दी. स्थानीय मीडिया के अनुसार, मंगलवार की शाम तकरीबन साढ़े आठ बजे मोटरसाइकिल सवार दो नकाबपोश युवकों को पेट्रोल बम फेंकते देखा गया.
Very troubling news from Shillong: one of our finest editors, Patricia Mukim of Shillong Times has a petrol bomb thrown at her residence. Hope culprits will be caught soon. Shillong press club to protest: we all stand in solidarity.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) April 18, 2018
ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस कप्तान दविएस मराक ने पत्रकारों को बताया, “प्रारंभिक जांच के मुताबिक दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आये और मकान के आगे मोटरसाइकिल खड़ी की. उनमें से एक व्यक्ति ने मोटरसाइकिल से उतरकर उनके शयनकक्ष को निशाना बनाते हुए एक केरोसिन बम फेंका.”
editor's residence attackedhttps://t.co/lG5LHdEoM5
— nava thakuria (@navathakuria) April 18, 2018
विभिन्न मुद्दों पर मुखर रहने वाली और कई पुरस्कारों से सम्मानित पत्रकार, पैट्रिसिया ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने किसी भी कीमत पर दोषियों न बख्शे जाने की मांग की. उन्होंने त्वरित कार्रवाई करने के लिए पुलिस का धन्यवाद किया.
उन्होंने कहा, “पूरी तत्परता से कार्रवाई करने के लिए मेघालय पुलिस का शुक्रिया. घटनास्थल पर स्वयं आने के लिए ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस कप्तान दविएस मराक का तहेदिल से आभार. तत्परता दिखाने के लिए रींजाह थाने के पुलिसकर्मियों का भी शुक्रिया. मेघालय पुलिस और अपराध शाखा से मेरी अपील है कि इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ें और लोगों के खोये आत्मविश्वास को बहाल करें.”
मुखिम ने यह भी कहा कि इन दिनों अपराधी बहुत आसानी से बच जा रहे हैं. पुलिस को हिंसा और प्रेस पर हमले की हर घटना को पर्याप्त गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने पुलिस अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा, “कृपया परिस्थिति के अनुरूप सजग हो जाइए.”
meghalaya police starts investigation on editor's house attackhttps://t.co/AKjMhdZS09
— nava thakuria (@navathakuria) April 19, 2018
पत्रकार बिरादरी और विभिन्न नागरिक संगठनों के सदस्यों ने इस घटना की कठोर निंदा की. इस घटना की घोर निंदा करने वालों में शिलोंग प्रेस क्लब और जर्नलिस्ट्स फोरम, असम भी शामिल थे.
शिलोंग प्रेस क्लब के अध्यक्ष, डेविड लैत्फ्लंग ने अधिकारियों से ऐसी कायराना हरकत करनेवाले असामाजिक तत्वों को पकड़ने में कोई कसर बाकी न रखने की अपील की. प्रेस क्लब ने इस घटना में शामिल बदमाशों को कठोर सजा दिलाने की मांग की.
जर्नलिस्ट्स फोरम, असम के सचिव नव ठाकुरिया ने कहा कि इस घटना को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए और पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसके बाद पत्रकारों पर आगे और कोई हमला न हो.
ठाकुरिया ने कहा, “यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा है. हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और पुलिस एवं प्रशासन से अपील करते हैं कि वो त्वरित कार्रवाई कर इस मामले में सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित करे.”
इस इलाके में आए दिन पत्रकारों पर हमले होते रहते हैं. पत्रकारों को पुलिस अत्याचारों एवं अन्य किस्म के उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. पिछले 30 वर्षों में असम में तकरीबन 32 पत्रकार मारे जा चुके हैं.
इसके अलावा, त्रिपुरा में 2017 में मारे गये दो पत्रकारों के मामले में अभी भी न्याय मिलना बाकी है. त्रिपुरा की नयी सरकार ने इन मामलों को सीबीआई को सौंप दिया है.
The Citizen से साभार