राजस्थान सरकार की वादाख़िलाफ़ी से नाराज़ किसान पूर्ण क़र्ज़माफ़ी की माँग को लेकर जयपुर में 22 फ़रवरी से महापड़ाव डालेंगे। विधानसभा घेरने के ऐलान को देखते हुए सरकार ने तमाम किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया है, लेकिन इससे किसान और भड़क उठे हैं। गाँव-गाँव पीले चावल बाँटकर किसानों को जयपुर कूच करने का न्योता दिया जा रहा है।
खिल भारतीय किसान सभा ने उपाध्यक्ष कामरेड अमाराम राम, वयोवृद्ध नेता हेतराम बेनीवाल, श्योपत मेघवाल एवं अन्य नेताओं की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। किसान सभा का आरोप है कि महापड़ाव को असफल करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तारियां की जा रही हैं। सभा ने सभी गिरफ्तार नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की तत्कात जेल से रिहाई की मांग की है।
किसान सभा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ” पहले से ही बदनाम बी.जे.पी. की सरकार अपने इस दमनात्मक कार्य से किसान लामबंदी के डर को ही उजागर करके जनता से अपने को अलग थलग कर रही है। लोकतांत्रिक विरोधों को दमनकारी कदमों द्वारा दबाया नहीं किया जा सकता। हम राजस्थान में भाजपा सरकार को चेतावनी देते हैं कि इस सरकार के इस कदम का भारी लामबंदी के द्वारा मुकाबला किया जाएगा और आंदोलन तब तक चलेगा जब तक कि किसान-विरोधी, मज़दूर -विरोधी और गरीब- विरोधी वसुंधरा राजे सरकार हार नहीं जाएगी। ”
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में ऐतिहासिक आंदोलन के बाद राजस्थान सरकार ने अखिल भारतीय किसान सभा की सभी मांगे जैसे कर्जों की माफी, फसलों के लाभकारी मूल्य, सरकार के द्वारा फसलों के खरीद, वृद्धा पेंशन और दूसरी मांगें मान ली थी। लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों को किये गए वादे से मुकर गई। किसान सभा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के इस धोखे के खिलाफ अखिल भारतीय किसान सभा जयपुर में 22 फरवरी 2018 से अनिश्चितकाल के लिये किसानों के राज्य-व्यापी महापड़ाव की तैयारी में है। अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष डॉ.अशोक ढवले और संयुक्त मंत्री वीजूकृष्णन राजस्थान के किसानों और खेतमजदूरों के प्रति एकजुटता में महापड़ाव में भाग लेंगे।