कुछ दिन पहले ख़बर उड़ी थी कि स्पाइस जेट एयरलाइन के मालिक एनडीटीवी को खरीदने जा रहे हैं। आज एक विश्वसनीय कारोबारी वेबसाइट www.pgurus.com ने प्रमुखता से ख़बर चलाई है कि एनडीटीवी के ऊपर जटिल कानूनी मुकदमों और उसकी खबरा वित्तीय स्थिति के चलते अजय सिंह इस डील से तो बाहर हो गए हैं, लेकिन मुकेश अम्बानी ने अपने कुछ फंडों के माध्यम से एनडीटीवी के बहुसंख्य शेयर खरीद लिए हैं।
वेबसाइट कहती है, ”यह विश्वसनीय सूचना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के मुखिया मुकेश अम्बानी के पास अपनी संबद्ध कंपनियों और ट्रेडिंग फंडों के रास्ते अब एनडीटीवी के 51 फीसदी से ज्यादा शेयरों का मालिकाना है, जबकि अजय सिंह इस सौदे से बाहर हो लिए हैं।”
वेबसाइट एनडीटीवी के शेयरों में हाल में आए उछाल की ओर इशारा करती है। एनडीटीवी पर तमाम मुकदमे लदे हुए हैं और तिमाही दर तिमाही कंपनी घाटे में जा रही है। इसके बावजूद 4 सितंबर को इसके शेयरों की कीमत जहां प्रति शेयर 39 रुपये थी, वही 11 अक्टूबर को उछलकर 72 रुपये पर आ गई। मौजूदा दर 23 अक्टूबर को बाज़ार बंद होने पर 62.50 रुपये पर थी। ज़ाहिर है, कोई तो इसके शेयर काफी तेज़ी से लगातार खरीद रहा था।
ख़बर बताती है कि तीन माह पहले एनडीटीवी में शेयरधारिता का पैटर्न ऐसा था कि प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय व उनकी शेल कंपनी आरआरपीआर के पास कंपनी के 30 फीसदी शेयर थे। मुकेश अम्बानी से जुड़ी कंपनियों के पास उस वक्त 35 से 38 फीसदी शेयर थे। इसके लिए उन्होंने 2010 के आरंभ में 400 करो़ड़ का निवेश एनडीटीवी में किया था। यह बात नीरा राडिया के टेप और एनडीटीवी के पूर्व संपादक बरखा दत्त के हालिया उद्घाटनों से उजागर होती है।
I wrote a new post on NDTV- this covers fresh territory. Radia, National Herald, Taslima, why I spoke out now etc. I stand by every word https://t.co/h8BivLMIgD
— barkha dutt (@BDUTT) October 23, 2017
बाकी के 32 फीसदी शेयर 40,000 से ज्यादा छोटे शेयरधारकों के पास थे। वेबसाइट कहती है, ”ऐसा लगता है कि यही शेयर मुकेश अम्बानी के मित्रवत या संबद्ध ऑपरेटरों व ट्रेड फंडों ने स्टॉक एक्सचेंज से खरीदे जिससे अम्बानी का एनडीटीवी में 51 फीसदी से ज्यादा का नियत्रण हो गया।”
अम्बानी के पास पहले से ही तमाम चैनलों में हिस्सेदारी है। सीएनएन-आइबीएन, नेटवर्क 18 के क्षेत्रीय चैनल उनके पास हैं ही। रजत शर्मा के इंडिया टीवी, न्यूज़ नेशन, न्यूज़ 24 के चैनलों में उनका निवेश है। इस कड़ी में अब एनडीटीवी भी जुड़ गया है।
ख़बर में सवाल उठाया गया है कि आखिर मुकेश अम्बानी को एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की ज़रूरत ही क्यों पड़ी? फिलहाल एनडीटीवी पर 525 करोड़ की देनदारी आयकर धोखाधडी मामले में हैं, 2030 करोड़ की जालसाजी में उसके ऊपर फेमा का केस चल रहा है और प्रवर्तन निदेशालय हवाला के मामले की भी जांच कर रहा है। इसके अलावा प्रणय राय के ऊपर आइसीआइसीआइ बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले में सीबीआइ और हवाला का केस है। ख़बर सवाल उठाती है, ”क्या कोई जवाब देगा कि मुकेश अम्बानी एनडीटीवी को इतनी शिद्दत से क्यों चाहते हैं?”
पूरी खबर www.pgurus.com की खबर पर आधारित है और साभार है. मीडियाविजिल इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.